बदल रहा मौसम: लाडले छींके तो रहें होशियार, सर्दी-बुखार की चपेट में आ रहे बच्चे
मौसम बदल रहा है. इसके साथ ही बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पतालों में अधिक भीड़ हो रही है। राहत की बात यह है कि बीमारी चार से पांच दिन में ठीक हो जा रही है। सर्दी और बुखार की चपेट में आने वाले दो साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक देखभाल की जरूरत है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी गुप्ता ने बताया कि इस मौसम में अगर दो साल से कम उम्र के बच्चे सर्दी-बुखार की चपेट में आ जाएं तो उनमें निमोनिया का खतरा अधिक होता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और इलाज शुरू करें। वर्तमान समय में डेंगू के मामले भी बढ़ गए हैं, इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता न करें। अगर बच्चे को बुखार है तो नजदीकी डॉक्टर के पास जाएं।
एलर्जी को हल्के में न लें
एलर्जी विशेषज्ञ डॉ. ऋषभ गोयल ने बताया कि इस मौसम में वायरल बुखार के अलावा एलर्जी के मामले भी बड़ी संख्या में आते हैं। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे उस पदार्थ से दूर रहें जिससे उन्हें एलर्जी है। जो मरीज इन्हेलर का उपयोग कर रहे हैं उन्हें अनिवार्य रूप से इनका उपयोग करना चाहिए।
छोटे बच्चों के गीले कपड़े बदलते रहें
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एमपी गुप्ता ने बताया कि इस मौसम में सबसे ज्यादा ध्यान छोटे बच्चों पर देना होता है। मौसम बदलने पर संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। ओपीडी में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ गयी है. ध्यान रखें कि बच्चों को ज्यादा देर तक गीले कपड़े न पहनाएं। अगर आप रात में कूलर चला रहे हैं तो ध्यान रखें कि छोटे बच्चों को ठंड न लगे।