उप चुनाव : गाजियाबाद में सभी प्रमुख दलों में मजबूत उम्मीदवार की तलाश तेज, सुरेंद्र कुमार मुन्नी के नाम को लेकर भी अटकलें
सोनू सिंह
गाजियाबाद। शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए गाजियाबाद में सभी प्रमुख दलों में मजबूत उम्मीदवार की तलाश तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव में मिली जीत से सपा-कांग्रेस गठबंधन के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं तो चुनावों में खराब प्रदर्शन से आहत भाजपा अब फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम को ही जीत की गारंटी मानने वाली भाजपा ने लोकसभा चुनावों से सबक लेते हुए अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा अब मजबूत प्रत्याशी पर दांव लगाने का मन बना रही है। वहीं सपा-कांग्रेस का मानना है कि शहर विधानसभा के उपचुनाव में मजबूत प्रत्याशी उतार कर भाजपा को पटखनी दी जा सकती है। इसके लिए पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मुन्नी के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, अभी तक मुन्नी के चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने को लेकर कोई ठोस फैसला सामने नहीं आया है परंतु माना जा रहा है कि अपने जनाधार के दम पर मुन्नी इस बार के चुनाव में कड़ी टक्कर दे सकते हैं। गाजियाबाद में पूर्व विधायक सुरेंद्र मुन्नी और उनके परिवार का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। सुरेंद्र मुन्नी के पिता स्वर्गीय प्यारेलाल शर्मा गाजियाबाद से तीन बार विधायक चुने गए थे। इसके साथ ही मुन्नी भी यहां से तीन बार विधानसभा पहुंच चुके हैं।
गत लोक सभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच चुनावी तालमेल हुआ था। इस तालमेल के तहत गाजियाबाद सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। कांग्रेस की डॉली शर्मा ने इस बार गाजियाबाद में रिकॉर्ड 5,17,205 वोट प्राप्त किए थे। गठबंधन में शहर विधानसभा सीट सपा या कांग्रेस किसके खाते में जाएगी इसे लेकर अभी फैसला नहीं हो सका है। ऐसे में परस्पर विरोधी दल एक-दूसरे के प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही गाजियाबाद में सामाजिक समीकरणों का भी हिसाब- किताब लगाया जा रहा है। गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर सुरेंद्र कुमार मुन्नी का मजबूत वोट बैंक चुनाव का पासा पलट सकता है। ऐसे में तीन बार के पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मुन्नी के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है।