फिर साथ आएंगे बीजेपी और सुभासपा: पूर्वांचल के लिए अहम होगा गठबंधन, दो सीटों पर हो सकती है बातचीत, ऐलान अगले महीने!

वाराणसी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच हुई सवा घंटे की मुलाकात ने राज्य में सियासी हलचल तेज कर दी है. वहीं, सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने जो संकेत दिए हैं उससे इस पटकथा की साजिश भी साफ हो गई है.

Update: 2023-06-17 06:37 GMT

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से नाता तोड़ चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में खड़े होते नजर आएंगे। इसके संकेत अब स्पष्ट रूप से उभरने लगे हैं।

राजभर के बेटे अरुण राजभर की शादी के मौके पर बीजेपी नेताओं की लामबंदी और 48 घंटे के भीतर राजभर की मुख्यमंत्री से बंद कमरे में आधी रात को हुई मुलाकात ने बीजेपी के साथ गठबंधन की पटकथा को अंतिम रूप दे दिया है.

वाराणसी दौरे पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच हुई मुलाकात से प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. वहीं, सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने जो संकेत दिए हैं उससे इस पटकथा की साजिश भी साफ हो गई है.

दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद अरुण ने कहा था कि वह परिवार सहित जल्द ही लखनऊ पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री आवास जाकर योगी से आशीर्वाद लेंगे. अरुण के बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं कि राजभर के कटु बयानों से असहज हो रहे मुख्यमंत्री को शांत करने की कोशिश की जा रही है.

राजभर और बीजेपी के गठबंधन को लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन जिस सहजता से दोनों पक्षों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं, उससे यही माना जा रहा है कि बीजेपी-सुभासपा के नए रिश्ते की आधिकारिक घोषणा जल्द बनाया जा सकता है।

वहीं, उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत लगभग खत्म हो चुकी है। गठबंधन के स्वरूप के बारे में सूत्र हालांकि ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि पूर्वांचल के सामाजिक समीकरणों और राज्य के राजनीतिक गणित को ध्यान में रखते हुए बीजेपी और राजभर को एक-दूसरे की जरूरत है.

दो सीटों पर बात की जा सकती है

सूत्रों का कहना है कि गठबंधन की आधिकारिक घोषणा से पहले ही राजभर उन सीटों की पुष्टि कर लेना चाहते हैं, जिन पर वह सुभासपा के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ना चाहते हैं. सूत्रों का कहना है कि राजभर ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के सामने दो सीटों पर दावा पेश किया है. इनमें घोसी के अलावा गाजीपुर, भदोही और चंदौली की एक सीट शामिल है.

अगले महीने हो सकती है ऑफिशियल अनाउंसमेंट

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद राजभर और बीजेपी के बीच गठबंधन की आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. राजभर जल्द ही दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व से मुलाकात करने वाले हैं.

इस मुलाकात में गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा सकता है. इसके बाद अगस्त में गठबंधन की घोषणा की जा सकती है। हालांकि राजभर के कोटे में कौन सी लोकसभा सीट जाएगी, यह चुनाव के समय ही सार्वजनिक हो जाएगा।

निषाद भाजपा के आसान रिश्ते से असहज हो रहे हैं

दूसरी ओर ओम प्रकाश राजभर और बीजेपी के बीच संबंधों में सुधार की कानाफूसी ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की चिंता बढ़ा दी है. उन्हें चिंता होने लगी है कि कहीं राजभर की वजह से गठबंधन में उनकी अहमियत कम न हो जाए. इसे देखते हुए वह लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बीजेपी नेतृत्व के सामने कोई न कोई बहाना बनाकर अपनी अहमियत जताने की कोशिश में लगे हैं.

इसके साथ ही वे सुभासपा को कमजोर करने की रणनीति पर भी फोकस कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो निषाद की कोशिश राजभर के कुछ विश्वस्त लोगों को निषाद पार्टी में शामिल कर भाजपा नेतृत्व को संदेश देना है कि उनके लोगों की पसंद सुभासपा के ऊपर निषाद पार्टी है.

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