बहराइच: यूपी के इस जिले में चल रहे हैं बिना मान्यता के 491 मदरसे, चीन-पाकिस्तान से आता है पैसा

Update: 2023-07-27 07:01 GMT

बहराइच जिले में नेपाल सीमा और आसपास के क्षेत्रों में करीब 491 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं। ये बातें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जांच में सामने आई हैं। इन मदरसों में करीब 25 हजार बच्चे पढ़ते हैं, जिनका भविष्य दांव पर लगा हुआ है. विभाग ने भी शासन को इसकी सूचना भेजने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। बताया जा रहा है कि ये मदरसे चंदा और जकात के पैसों से चल रहे थे।जिले में 301 मदरसों को मान्यता प्राप्त है। नेपाल सीमा क्षेत्र में 150 से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चलने की बात सामने आई है. नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में अधिकांश मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं. रुपईडीहा कस्बे के पास से ही भारत-नेपाल सीमा शुरू होती है। यहां नो मेंस लैंड के आसपास के इलाकों में रहने वाले विशेष समुदाय के बच्चों का नामांकन प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में तो दिखता है, लेकिन यह केवल सरकारी योजनाओं का लाभ पाने तक ही सीमित है. सीमावर्ती क्षेत्र के निबिया, लहरपुरवा, रंजीतबोझा, मिहींपुरवा, पुरवा पचपकड़ी करीम गांव रुपईडीहा, निधि नगर पोखरा, लखैया, सुजौली, अंथवा, नई बाजार बाबागंज आदि क्षेत्र बिना मान्यता के संचालित मदरसों के जाल में फंसे हुए हैं।


विदेशों से भी फंडिंग की जा रही है

जिले में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों को विदेशों से भी फंड उपलब्ध कराया जाता है। चीन और पाकिस्तान के लोगों का पैसा भी नेपाल के जरिए मदरसों तक पहुंचता है. इसे दान का रूप दिया जाता है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मुताबिक बिना मान्यता के चल रहे 491 मदरसों में करीब 25 हजार बच्चे पढ़ते हैं। परंतु इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली कोई मदद नहीं मिलती.

11 मदरसों की मान्यता समाप्त

17 मदरसों ने यू डाइस प्लस पोर्टल पर छात्रों के पंजीकरण की जानकारी नहीं दी। इसके चलते इनमें से 11 मदरसा संचालकों ने अपनी मान्यता सरेंडर कर दी थी. इसके बाद विभाग ने मान्यता रद करने की कार्रवाई की है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी संजय कुमार मिश्र का कहना है कि जिले में मदरसों का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है. इसमें गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 491 निकली है, जबकि 301 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। पूरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है।

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