Ayodhya: राम जी अयोध्या आ रहे हैं... वीडियो व रील्स बढ़ाएंगे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह, ये है तैयारी
राममंदिर निर्माण के लिए जितने जोश-ओ-खरोश से आंदोलन किया गया था, उसी तर्ज पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। हालांकि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के इंतजार का उल्लास सोशल मीडिया पर कम नहीं है, मगर आने वाले दिनों में यह और भव्य रूप में नजर आने लगेगा।
70 दिन बाद... राम जी अयोध्या आ रहे हैं...जैसे शीर्षकों से वीडियो व रील्स की भरमार देखने को मिलेगी। इसके जरिये पूरी दुनिया को मंदिर आंदोलन के इतिहास से और मंदिर निर्माण की गतिविधियों से रू-ब-रू कराने की योजना है। इन्हीं सब तैयारियों के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सोशल मीडिया इकाई के कार्यकर्ताओं की यहां कार्यशाला हुई। इसमें कार्यकर्ताओं को योजना से अवगत कराया गया है।
संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद इन युवाओं को अयोध्या बुलाकर उन्हें समारोह की वीडियो क्लिप दी जाएंगी ताकि वे इसका सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार कर सकें। हालांकि ये बीच-बीच में अयोध्या आकर योजना के अनुरूप कंटेंट तैयार करते रहेंगे और निर्माण की गतिविधियों से लोगों को रू-ब-रू कराते रहेंगे।
कार्यशाला में कानपुर प्रांत से आए सोशल मीडिया के माहिर युवा भी शामिल रहे। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इन युवाओं में अलग ही जोश है। अमर उजाला से बातचीत में इन्होंने मन की बात जाहिर की।
शितांशु सागर के इंस्टाग्राम पर करीब 67,000 फॉलाेअर्स हैं। इन्होंने बताया कि कार्यशाला में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की जानकारी देने के तौर तरीके सिखाए गए। रामजी के आगमन की सूचना जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिलना बड़े भाग्य की बात है। वे अपने इंस्टा एकाउंट के माध्यम से समय समय पर राम मंदिर से संबंधित जानकारियां साझा करेंगे।
हरप्रीत कौर के इंस्टाग्राम पर 16,000 फॉलाेअर्स हैं। हरप्रीत का कहना है कि आज यदि हम सभी राममंदिर निर्माण के साक्षी बन पा रहे हैं तो उसके पीछे लंबे संघर्ष और बलिदान की कहानियां हैं। युवा पीढ़ी को इसकी जानकारी होना जरूरी है। वे रील्स, यूट्यूब, आई कैचिंग वीडियो के जरिये राममंदिर के इतिहास से लोगों को रू-ब-रू कराएंगी।
वसुधा गंगवानी के 9,000 तो श्रेया चतुर्वेदी के 10,000 फॉलाेअर्स इंस्टाग्राम पर हैं। वसुधा ने बताया कि अयोध्या का राममंदिर पहला ऐसा मंदिर है जिसमें देश की आठ नामी आईटी संस्थानों की भागीदारी है। मंदिर निर्माण में विज्ञान के साथ प्राचीनता का भी समावेश किया गया है। वीडियो के जरिये वे इन सब खासियतों से लोगों को अवगत कराएंगी। राममंदिर किन मायनों में दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में से एक है, यह सब भी बताएंगे।
श्रेया ने बताया कि कार्यशाला में साहित्यकार, लेखक भी शामिल रहे। वे मंदिर आंदोलन के इतिहास का एक दस्तावेज बनाएंगे। स्कूल-कालेजाें में राममंदिर से संबंधित प्रतियोगिताएं भी कराए जाने की योजना है।