रणनीति के तहत अभी घोषित नहीं होंगी कांग्रेस-रालोद की सीटें; 15 सीटें पा सकती है कांग्रेस

By :  SaumyaV
Update: 2024-01-28 07:53 GMT

कांग्रेस और सपा के बीच में यूपी की 80 सीटों में करीब-करीब बंटवारा हो गया है। एक खास रणनीति के तहत अभी वह सीटें घोषित नहीं की जाएंगी जहां से कांग्रेस या रालोद को लड़ना है। 

 सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से बातचीत के बाद कांग्रेस को दी जाने वाली 11 सीटें फाइनल कर दी हैं। इन सीटों की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को भेज दी है। अखिलेश ने एक्स के जरिये गठबंधन के लिहाज से इसे अच्छी शुरुआत बताया है। हालांकि, कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि इस बारे में सकारात्मक बातचीत चल रही है और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। 

दोनों दलों की 4 से 18 जनवरी के बीच सीटों के बंटवारे के लिए दिल्ली में तीन बैठकें हुई, जिनमें दोनों पार्टियों के प्रमुख नेता शामिल रहे। तीसरी बैठक के बाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो इस बारे में अखिलेश यादव से मल्लिकार्जुन खरगे या राहुल गांधी की भी बात हो सकती है।

आने वाले समय में कांग्रेस को मिलेंगी कुछ और सीटें

उच्चपदस्थ राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो-तीन दिनों में अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अशोक गहलोत की दो बार बात हुई। इनका नतीजा शनिवार को अखिलेश यादव के एक्स पोस्ट के जरिये देखने को मिला। अखिलेश ने पोस्ट के माध्यम से कहा कि कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हुई है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। I.N.D.I.A की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी। अखिलेश के बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस को अभी कुछ और सीटें भी मिल सकती हैं। सपा सूत्रों की मानें तो इनकी संख्या 15 तक जा सकती है। कांग्रेस ने यूपी में 25 सीटें मांगी हैं।

खास रणनीति के तहत सार्वजनिक नहीं किए जा रहे सीटों के नाम

कांग्रेस को दी जाने वाली 11 सीटों के नामों की आधिकारिक जानकारी सपा की ओर से भी सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे पहले गठबंधन के तहत रालोद को दी गईं 7 सीटों के भी नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन के तहत कांग्रेस को रायबरेली व अमेठी के अलावा महराजगंज, कानपुर, झांसी, सहारनपुर, वाराणसी, कुशीनगर, बांसगांव, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर को मिलने की संभावना है। बताते हैं कि सपा प्रमुख भाजपा के सामने पहले से अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं करना चाहते। भाजपा के जातिगत समीकरण को देखते हुए वे भी अपनी राजनीतिक बिसात बिछाना चाहते हैं। इसलिए एक खास रणनीति के तहत सीटों और प्रत्याशियों के नामों की सार्वजनिक घोषणा से यथासंभव परहेज किया जा रहा है।

11 सीटों के मामले में कोई जानकारी नहीं : अविनाश पांडे

कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि 11 सीटों के मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। बातचीत चल रही है और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। बातचीत की दिशा बहुत ही सकारात्मक है और शीघ्र ही इसके अच्छे परिणाम सामने आने वाले हैं। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व निर्णय ले रहा है। वहीं, राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय नेतृत्व की बातचीत के बाद सपा ने सीटों की सूची कांग्रेस को भेज दी है। अब यह कांग्रेस नेतृत्व पर निर्भर करता है कि इस पर वे क्या कहते हैं।

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