“जब तक संस्कृति है तब तक आस है, बिना संस्कृति मानवता का विनाश हैं।”

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-04-30 11:06 GMT


दिल्ली पब्लिक स्कूल वसुंधरा में हुआ स्पिक मैके का भव्य कार्यक्रम

गाजियाबाद। दिल्ली पब्लिक स्कूल गाजियाबाद वसुंधरा के सभागार में युवापीढ़ी के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति का अलख जगाने वाली संस्था स्पिक मैके के तत्वाधान में “जब तक संस्कृति है तब तक आस है, बिना संस्कृति मानवता का विनाश हैं।”

नामक एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ किरण सेठ द्वारा 1977 में आईआईटी दिल्ली में स्थापित, यह एक स्वैच्छिक युवा आंदोलन है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, योग, ध्यान, शिल्प और भारतीय संस्कृति के अन्य पहलुओं को बढ़ावा देकर भारतीय सांस्कृतिक विरासत के अमूर्त पहलुओं को बुलन्दियां देता है। यह दुनिया भर के 300 से अधिक शहरों में अलख जगाने वाला एक आंदोलन है। स्पिक मैके, युवाओं के बीच हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरी सराहना को बढ़ावा देने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ, पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक रहा है।

आज के कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि भारतीयता, आध्यात्मिकता, शास्त्रीयता, कलात्मकता और लोकाचार की प्रतिमूर्ति पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कत्थक नृत्यांगना शोभना नारायण जी रहीं। जिन्होंने अपनी पहली स्टेज प्रस्तुति से पिछले करीब सात दशकों में कई प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में दुनिया के कई देशों में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है।

पखावज पर पं. महावीर गंगानी, वायलिन पर उस्ताद अज़हर शकील, तबले पर पं. हरि मोहन शर्मा ने उन्हें संगत प्रदान कर कार्यक्रम को अपनी उत्कृष्टता तक पहुंचाया। दर्शक उन सभी की प्रतिभा के सामने नत मस्तक हो भाव विभोर हो उठे। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य डा विनोद कुमार जी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित कर विधिवत कार्यक्रम का समापन किया।

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