आर्य समाज गांधी नगर का वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास से सम्पन्न

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-04-14 12:02 GMT

यज्ञोपवीत के त्रिसूत्र ऋषि,देव और पितृ ऋणों के प्रतीक- स्वामी आर्यवेश

अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि हमारा लक्ष्य- वेद व्यास

गाजियाबाद। रविवार  को आर्य समाज मंदिर,पुराना गांधी नगर का 73वाँ त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव एवं बैसाखी पर्व हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। स्वामी आर्यवेश जी के ब्रह्मत्व में महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसके मुख्य यज्ञमान श्रीमती एवं श्री अनूप भगत रहे। उन्होंने यज्ञ की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की ओर लगभग 100 युवकों एवं युवतियों को यज्ञोपवीत धारण कराए और कहा कि यज्ञोपवीत ज्ञान ग्रहण करने का बाह्य चिह्न है। आज इस बात का संकल्प करना चाहिए कि वे अज्ञान, अंधकार से बाहर निकलेंगे और और ज्ञानवान होकर परिवार, समाज,राष्ट्र को प्रकाशित करेंगे एवं अपने जीवन में स्वाध्याय और यज्ञ को कभी नहीं छोडेंगे। विशेष कर यज्ञोपवीत में तीन धागे होते है वे तीन ऋणों के प्रतीक हैं।ऋषि ऋण,देव ऋण,पितृ ऋण। मनुष्य को इन तीनों ऋणों का बोध हो हमारा यज्ञोपवीत धारण कराने यही उद्देश्य है।

महामंत्री वेद व्यास ने कहा कि अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि हमारा लक्ष्य को मध्यनजर रखते हुए उन्होंने बताया कि हमारे यहां प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से निःशुल्क योग कक्षा योग शिक्षिका अल्का बाठला के सानिध्य में शुरू होती है। प्रातः 8:30 दैनिक यज्ञ होता है। 11 से 12 बजे तक कंप्यूटर ट्रेनिंग टैली प्रोफेशनल कोर्स जिसमें 3 महीने में बच्चा अकाउंट का मास्टर बन जाता है और रोजगार प्राप्त करता है। सायं 3 से 7 बजे तक विभिन्न कक्षाएं जिसमें निर्धन बच्चों को पढ़ाई- लिखाई,इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स एवं वीना भार्गव के सानिध्य में सिलाई सिखाई जाती है, सीखने के पश्चात छात्रा/महिला को उपहार स्वरूप सिलाई मशीन दी जाती है जिससे वह आत्म निर्भर हो सकें।

समारोह में बजुर्ग महिलाओं, होनहार युवक और युवतियों को स्वामी आर्यवेश एवं वेद व्यास ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। मधुर भजन-नरेश चन्द्र,दीना नाथ नागिया,महाश्य सुरेन्द्र,प्रवीण आर्य,श्रीमती अंशू मेहता आदि ने ईशभक्ति एवं देशभक्ति गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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