एडवोकेट आकाश सिकंडा और उसके पिता की गिरफ्तारी के बाद इंस्पेक्टर प्रभु दयाल और शील चंद को निलंबित करने की उठी मांग
सोनू सिंह
गाजियाबाद। एडवोकेट आकाश सिकंडा और उसके पिता की गिरफ्तारी के बाद इंस्पेक्टर प्रभु दयाल और शील चंद को निलंबित करने की मांग की गई है। साथ ही चेतावनी दी गई हैं कि अगर तीन दिन के अंदर निलंबन नहीं किया गया तो वकील आंदोलन करेंगे।
बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष राकेश कुमार त्यागी (कैली) की अध्यक्षता में बार एसोसिएशन गाजियाबाद की कार्यकारिणी की मीटिंग हुई, जिसमें विरोध प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि बार एसोसिएशन गाजियाबाद के आकाश सिकंडा एडवोकेट चैंबर नंबर.-709 को और उसके पिता को थाना भोजपुर की पुलिस द्वारा 8 जून को नाजायज तरीके से कस्टडी में लिया गया और अधिवक्ता द्वारा अपना पक्ष रखने व प्रार्थना पत्र देने पर भी सुनवाई नहीं हुई।
पुलिस ने अनुचित लाभ कमाने के उद्देश्य से गैर कानूनी रूप से पुलिस चालान किया। अधिवक्ता और उसके पिता को हवालात में बंज रखा, बर्बरतापूर्वक गाली गलौच और मारपीट की गई। साथ ही अधिवक्ता की माता के साथ भी अभद्र भाषा, मारपीट और गाली गलौच की गई। बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सचिव के द्वारा फोन करने पर इंस्पेक्टर भोजपुर द्वारा अधिवक्ताओं को गंदी-गंदी गालियां दी गई और पीड़ित अधिवक्ता से कहा कि यदि वो सचिव होगा तो यहां का कोतवाल में हूं तेरी सुनवाई नही होगी। इसके बाद अधिवक्ता का फोन आदि भी छीन लिया।
पिता की जमानत धारा 151 सीआरपीसी मे हुई। उक्त घटना से अधिवक्ता सामाज अत्यन्त रोष में है तथा इंस्पेक्टर प्रभुदयाल व एसआई शीलचन्द भोजपुर के द्वारा किये गये कृत्य की घोर निंदा करते है। दोषी इंस्पेक्टर प्रभुदयाल व एसआई शीलचन्द भोजपुर को निलंबन की मांग करते है और दूसरे दोषी पक्ष के विरुद्ध भी कानूनी रूप से कार्रवाई की मांग करते हैं। यदि अधिवक्ताओं की मांग तीन दिन के अन्दर पूरी नहीं की गई तो अधिवक्ता समाज आन्दोलन करने पर मजबूर होगा।