अनमोल वाटर कंपनी के खिलाफ प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई! बोरवेल सील, लगाया इतने लाख का जुर्माना

Update: 2024-05-16 07:28 GMT

गाजियाबाद। गाजियाबाद साऊथ साइट UPSIDC एरिया में संचालित अवैध वाटर पैकेजिंग कम्पनी के दोनों बोरवेल को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है। साथ ही कंपनी पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई एक्टिविस्ट जानेआलम (जानू चौधरी) द्वारा उठाए गए मुद्दे के बाद की गई है।

गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में लगभग 4 मीटर से ज्यादा प्रतिवर्ष ग्राउंड वाटर स्तर गिर रहा है जिससे नगर निगम द्वारा लगाए गए बड़े बोरवेल भी फेल हो रहे हैं जिसके कारण निगम का आर्थिक नुकसान हो रहा है। यहां पर अवैध वाटर पैकेजिंग करने वाली बहुत कंपनियां है जो ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट के लिए बहुत बड़ा चैलेंज है। अनमोल वाटर कंपनी जनपद गाजियाबाद में बिस्लैरी के बाद यह दूसरे स्थान पर वाटर पैकेजिंग कर रही है जिसका पानी गाजियाबाद नोएडा दिल्ली जैसे राज्य में भी बिक रहा था। उक्त कंपनी का ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए कोई योगदान नहीं रहा है।

अनमोल वाटर कंपनी के मालिक ने लगभग 25 वर्ष पहले छोटे स्तर पर पानी बेचने का काम शुरू किया था जिसके बाद एरिया में ग्राउंड वाटर क्वालिटी/स्वाद खराब होने के कारण प्यासी जनता को पानी बेचने का धंधा फलफूल गया और इनकम लाखों से करोड़ों में पहुंच गई। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने इतने लम्बे समय से संचालित अवैध वाटर पैकेजिंग के कारोबार का अंत करने की तैयारी कर दी है। जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद् के अध्यक्ष/जिलाधिकारी ने अनमोल वाटर कंपनी पर पांच लाख का जुर्माना और बोरवेल सील करने के आदेश दिए थे।

ऐसे हुई कार्रवाई की शुरुआत

ग्राउंड वाटर के स्तर गिरने का जब नया सरकारी आंकड़ा सामने आया जिसमें चार मीटर से भी ज्यादा जनपद गाजियाबाद का भूजल स्तर प्रति वर्ष गिर रहा है। उपभोक्ता जनघोष के संपादक जानेआलम को जब यह जानकारी हुई कि बिसलेरी के बाद AQAFAST अनमोल वाटर कंपनी का वाटर सबसे ज्यादा बिक रहा है और जानकारी के बाद पता चला अनुमति भी नहीं है जिससे अनुमति में दी गई शर्तों का पालन हो और ग्राउंड वाटर रिचार्ज हो सके। जानू चौधरी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ग्राउंड वाटर पोर्टल के नोडल अधिकारी हरिओम द्वारा परिषद् की मीटिंग के बाद नोटिस जारी किया है जिसमें अवैध बोरवेल सील करने को कहा गया था लेकिन कंपनी के मालिक ने नोटिस को नजरंदाज कर दिया है। इसके बाद ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट लखनऊ ने अग्रिम कार्रवाई करने को कहा जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

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