भक्तों का भगवान के प्रति अनूठा प्रेम, काशी के मंदिरों में लगाए गए AC-कूलर
वाराणसी में इन दिनों भीषण गर्मी से हर किसी का हाल बेहाल है, चिलचिलाती धूप और हीट वेव ने लोगों को बैचेन कर रखा है। तापमान 44 डिग्री के पार चला गया है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग घरों में एसी, कूलर, पंखे के साथ ठंडे पेय पदार्थो का सहारा ले रहे है। वहीं दूसरी ओर काशी के तमाम मंदिरों के गर्भ गृह में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए भक्तों ने एसी, कूलर और पंखे की व्यवस्था कर रखी है, जिससे उनके आराध्य को भी राहत मिल सकें।
हीट वेव से बचाने के लिए पहनाए गए हल्के सूती वस्त्र
यही नहीं हीट वेव से भगवान को बचाने के लिए भक्तों ने हल्के सूती कपड़े भी पहनाए है। मंदिरों में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कूलर और एसी लगाए जाने को लेकर श्रद्धालुओं का कहना है कि जब उन्हे दुःख और सुख की अनुभूति होती है तो उनके आराध्य साथ होते है। ऐसे में अब इस भीषण गर्मी से हम तो एसी और कूलर में रह लेते है लेकिन मंदिर में भगवान गर्मी में तपते है। यही कारण है कि अपने आराध्य भगवान को भीषण गर्मी से बचाने के लिए एसी, कूलर और पंखे की व्यवस्था की गई है।
''जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी''
वही मंदिर के पुजारी रामचंद्र तिवारी का कहना है कि ''जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”. अर्थात आप जिस तरह रहते है और जिस प्रकार की भावना रखते है, आपके भगवान व आराध्य वैसे ही स्वरूप में देखते है।
पुजारी कहते है कि “जिस प्रकार इंसान को गर्मी और ठंड लगता है, उसी प्रकार भगवान को भी इसकी अनुभूति होती है। यही वजह है कि गर्मी के दिनों में एसी,कूलर और पंखे की व्यवस्था की जाती है, तो वही ठंड में भगवान के लिए ऊनी वस्त्र और गर्म कपड़े भी पहनाए जाते है.