क्यों नहीं निकले लोग घरों से, क्यों घटी मतदान फ़ीसदी, जानें इसकी प्रमुख वजह

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-04-26 13:35 GMT


नई दिल्ली। देश के 13 राज्यों में 88 सीटों पर दूसरे फेज में हुए चुनाव में शाम 5:00 बजे तक मात्र 65 फ़ीसदी मतदान हुआ। यह लोकतंत्र के लिए चिंता करने की बात है। 2019 के चुनाव में 70 फ़ीसदी तक मतदान हुआ था। 5 साल बाद मतदान फ़ीसदी में गिरावट की वजह क्या है, इस पर चिंतन करने की जरूरत है। अगर इसके कारणों को खोजें तो तीन चार कारण प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं।

एक बड़ा कारण भीषण गर्मी है। 40 से 42 डिग्री तापमान में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल रहा। खास बात यह है कि यह स्थिति दूसरे चरण के चुनाव में देखा गया है जबकि अभी पांच चरणों में चुनाव बाकी है। हर चरण दर चरण गर्मी बढ़ती ही जाएगी तो क्या मतदान फ़ीसदी और नीचे जाएगा। पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो गर्मी का प्रकोप कम देखने को मिला। 2014 का चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई तक चला था और 36 दिनों में 10 चरणों में चुनाव हुआ था। 2019 में 1 अप्रैल को चुनाव शुरू हुआ था और 7 चरणों में चुनाव 19 मई को सलटा लिया गया था। अब सवाल उठता है कि निर्वाचन आयोग को ऐसा क्या लगा कि 2024 के चुनाव के लिए 44 दिन निर्धारित कर दिया। सात चरणों का यह चुनाव जून तक जाएगा। स्वाभाविक है कि अगले चरणों के चुनाव में भी मत फ़ीसदी पर गर्मी अपना कहर ढाएगी।

वीकेंड में क्यों रखा चुनाव का डेट

यह भी सवाल है कि चुनाव आयुक्त ने चुनाव का दिन शुक्रवार को क्यों रखा। यह दिन तमाम चरणों की है। इसके चलते लोगों को तीन दिन का वीकेंड मिल गया और वह घूमने निकल गए। सवाल है कि क्या चुनाव आयुक्त को इतना आईडिया नहीं था कि शुक्रवार को चुनाव रखने पर लोग लंबे वीकेंड को अपनी तरह से जिएंगे और इसका प्रभाव वोट फ़ीसदी पर पड़ेगा।

बिहार और यूपी में सबसे कम फ़ीसदी क्यों

उत्तर प्रदेश में शाम 5:00 बजे तक सिर्फ 52 फ़ीसदी मत पड़े जबकि बिहार में 53 फ़ीसदी। यह दो राज्य ऐसे हैं जहां लोग काफी उत्साह और आगे बढ़कर मतदान करते हैं लेकिन इस बार मतदाताओं ने अपने कदम पीछे क्यों खींच लिए। इस पर मंथन करने की जरूरत है। वैसे मतदान के दौरान कई मतदान केदो पर यह देखा गया कि लोग सूची में अपना नाम ढूंढते रहे लेकिन नाम न मिलने पर उन्हें वापस घर लौटना पड़ा। कई लोगों ने शिकायत की कि उनके घरों में इस बार पर्ची नहीं पहुंचाई गई यानी की मतदान फ़ीसदी बढ़ाने में इस बार प्रशासन कामयाब नहीं रहा।

किस पार्टी को मिला ज्यादा वोट

हालांकि यह कहना मुश्किल है की मतदान फ़ीसदी कम रहने के दौरान किस पार्टी को ज्यादा वोट पड़ा। वैसे सभी पार्टियों ने ज्यादा मत पाने का दावा की। उधर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि तमाम जगहों पर भाजपा के वोटर सुबह ही वोट करने निकल गए थे और बड़ी संख्या में वोट की इसलिए कम फीसदी मतदान का प्रभाव भाजपा पर नहीं पड़ा है।

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