उत्तराखंड में सुलगती आग पर क्यों नहीं पाया जा रहा है काबू? कौन लगा रहा है यह आग और इसके धधकने का कारण क्या है?
पिछले 24 घंटे के अंदर जंगलों में आग लगने की 68 नई घटनाएं घटी हैं
देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझ नहीं पा रही है। पिछले 24 घंटे के अंदर जंगलों में आग लगने की 68 नई घटनाएं घटी हैं। अब तक आग ने 1316 हेक्टेयर जंगल को अपनी चपेट में ले चुका है। आग धीरे-धीरे बढ़ ही रही है लेकिन काबू पाने का उपाय नाकाम सिद्ध हो रहा है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त होने पर मुख्यमंत्री सीएम धामी ने बैठक की। उन्होंने 17 कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। 11 कर्मचारियों को तो सस्पेंड कर दिया गया लेकिन क्या इस कार्रवाई से आग बुझ जाएगी। इस बात की गारंटी लेने वाला कोई नहीं। इसके पीछे आग लगने और लगाने के कारणों को जानना होगा।
दरअसल यह आग पिरूल की सूखी पत्तियों से भड़कती है और इन पत्तियों में आग लगने वाला असामाजिक तत्व होता है। लिहाजा, इन पत्तियों और असामाजिक तत्वों से निपटने पर ही आग पर काबू पाया जा सकता है। सरकार वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार 'पिरूल लाओ-पैसे पाओ' मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। बता दें कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है।