अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी की ललकार क्यों बर्दाश्त कर रहे हैं राहुल गांधी
अमेठी उत्तर प्रदेश। गांधी परिवार की प्रतिष्ठित अमेठी सीट के लिए अब तक कांग्रेस में उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। इस बार भी इस सीट से राहुल गांधी खड़े होंगे या नहीं, इस पर चर्चा गरम है। उधर स्मृति ईरानी बार-बार राहुल को इस सीट से लड़ने के लिए ललकार रही हैं। हालांकि राजनीतिक जानकारों की माने तो राहु ल इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके पीछे का कारण सर्वविदित है कि अमेठी सीट पर भाजपा ने अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। इस कारण कांग्रेस में इस पशोपेश में है कि स्मृति के टक्कर में किस नेता को उतारे।
वहीं राहुल गांधी अमेठी से क्यों नहीं खड़े हुए, इसके अनेक कारण हो सकते हैं। पहले तो,उनकी व्यक्तिगत या राजनीतिक वजहें हो सकती हैं जो उन्हें अमेठी में चुनाव नहीं लेने के लिए प्रेरित करती हैं। दूसरा, वे अमेठी से नहीं उतर सकते हैं क्योंकि वे किसी अन्य क्षेत्र में काम कर रहे हो सकते हैं या राष्ट्रीय स्तर पर किसी अन्य कार्य के लिए व्यस्त हो सकते हैं। तीसरा, उनकी अन्य कैम्पेन कार्यक्रमों और राजनीतिक जरूरतों के कारण वे अमेठी में नहीं रह सकते हैं। चौथा, उनके संपर्क और समर्थन के स्रोत कहीं और हो सकते हैं जो उन्हें अमेठी में नहीं रहने के लिए मजबूर करते हो। पांचवां, यह भी संभव है कि राहुल गांधी ने अमेठी की जनता के साथ संवाद में रहकर उनकी जरूरतों और मांगों को समझने का काम अपने प्रतिनिधि के जरिए किया हो। इन सभी कारणों से राहुल गांधी के अमेठी से दूर रहने की सम्भावनाएं हैं।
पिछली बार भी राहुल गांधी नही खडे हुए थे। इसी पर स्मृति ईरानी ने कहा है कि राहुल गांधी पिछले चुनाव में भी अमेठी से चुनाव नहीं लड़े थे और संजय सिंह नलड़े थे। वह उन्हें हराकर विजयी हुई थीं। स्मृति ईरानी ने अमेठी चुनाव में संजय सिंह को लगभग 55,120 वोटों से हराया था।
राहुल गांधी ने अमेठी से पहली बार 2004 में चुनाव जीता था और उस समय उन्होंने बीजेपी के समीर कुमार को हराया था। फिर 2009, 2014 में भी उन्होंने अमेठी से चुनाव जीता। स्मृति ईरानी ने 2019 में अमेठी में राहुल गांधी को हराया था। अब कांग्रेस किसे चुनाव में उतारेगी इसको लेकर अभी सस्पेंस है। बता दें कि वायना़ङ में 26 अप्रैल को चुनाव हैं। जबकि अमेठी में 27अप्रैल से नामंकन शु्रु होगी।