बिहार के बच्चों के साथ अन्याय क्यों? दिल्ली एनसीआर में ऑनलाइन स्कूल और बिहार में बेहोश होने के लिए स्कूल। जानिए कौन है इसका जिम्मेदार?

Update: 2024-05-29 11:20 GMT

पटना। दिल्ली एनसीआर में गर्मी के उच्च तापमान को देखते हुए 27 मई से स्कूलों को ऑनलाइन कर दिया गया है और बच्चे घर में बैठकर पढ़ रहे हैं। वहीं लगभग इसी तापमान में बिहार के बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं और इसके चलते हुए बेहोश तक हो रहे हैं। बिहार के बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई और बांका सरकारी स्कूलों में भीषण गर्मी के कारण 70 से अधिक बच्चे बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश है। अभिभावकों का कहना है कि भीषण गर्मी में भी बच्चों को छुट्टी नहीं दी गई है। शिकायत करने पर कहा जाता है कि शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल को बंद करने का आदेश नहीं दिया है। अभिभावकों का कहना है कि 42 से 45 डिग्री तापमान के कारण बच्चे स्कूल में ही बीमार पड़ रहे हैं।

बेहोशी के हालात में छात्र और छात्राओं को उसी जगह से उठाकर इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां सभी छात्रा का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि मनकौल गांव के हाई स्कूल में एक के बाद एक 13 से अधिक बच्चे बेहोश होने लगे। आननफानन में उन्हें शिक्षकों ने स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती करवाया।

सरकारी स्कूलों में छात्रों के बेहोश होने पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र नहीं रह गया है, ना सरकार रह गई है केवल अफसरशाही रह गई है। स्कूल के समय को लेकर मुख्यमंत्री की बात भी नहीं सुनी जाती है। मुख्यमंत्री इतने कमजोर क्यों हो गए हैं? 47 डिग्री तापमान है लू चल रही है, छोटे बच्चों का ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि लू में मत निकलो।

चिराग पासवान ने भी इस घटना पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं की इस तपती गर्मी में विद्यालय खुले रहने से बच्चों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। आपके सरकारी अधिकारी के तुगलकी फरमान की वजह से बच्चे बेहोश हो रहे है।

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