सपा को कन्नौज से तेज की जगह अखिलेश यादव को क्यों उतारना पड़ा? जानिए, क्या कहता है समीकरण
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) ने कन्नौज से तेज प्रताप को बदलकर दोबारा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को मैदान में उतारा है। सोमवार को पार्टी ने यादव परिवार के तेज प्रताप को उम्मीदवार बनाया और उसके अगले दिन पार्टी ने अपना फैसला बदल दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है यादव परिवार यहां से जीतता आता रहा है लेकिन पार्टी ने इस बार यहां से तेज प्रताज को टिकट दिया था। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया है कि उन्हें यहां से कोई जनता तक नहीं और ऐसे में उनका यहां से जीतना मुश्किल होगा।
कन्नौज की जनता के कहने पर बदला उम्मीदवार
सपा के आला नेताओं ने कन्नौज से अपना उम्मीदवार बदलने का फैसला पार्टी के कार्यताओं के कहने पर किया। पार्टी यहां से किसी भी कीमत पर हार नहीं देखना चाहती है। इसलिए पार्टी ने दोबारा अपने किले को बनाने के लिए पहले के उम्मीदवार तेज प्रताप की जगह अखिलेश को उतारा है ताकि अपनी खानदानी सीट पर कब्जा बरकरार रखा जा सके।
कन्नौज सीट पर शुरू से ही यादव परिवार का दबदबा रहा है। यहां से सबसे पहले मुलायम सिंह यादव के परिवार से ही प्रदीप यादव ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद खुद अखिलेश यादव इस सीट से मैदान में उतरे और भारी मतों से जीत दर्ज की थी। इस तरह यादव परिवार के लिए यह लोकसभा सीट वोट बैंक के लिए गढ़ बन गई। अखिलेश यादव ने इस सीट पर नौ साल तक राज किया फिर बाद में यहां से उनकी जीवनसाथी डिप्पल यादव मैदान में आईं और विजयी बनीं। हालांकि, 2019 में भाजपा की केंद्र में जीत के साथ ही यादव परिवार की हार हुई और बीजेपी के सुब्रत पाठक ने यादव के किले को ढाह दिया।