राम मंदिर निर्माण के बाद जातीय सीमाओं से ऊपर उठा यूपी, लोकसभा चुनाव को लेकर RSS-BJP इस प्लान पर करेगी काम

By :  Shashank
Update: 2024-03-01 05:28 GMT

उत्तर प्रदेश राम मंदिर निर्माण के बाद जातीय सीमाओं से ऊपर उठ गया है। अब आरएसएस ने 58 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य दिया है। संघ और अनुषांगिक संगठनों की पूरी टीम चुनाव में जुटेगी।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर स्थापित राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यूपी जातीय सीमाओं से बाहर ऊपर उठ गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई दल जाति आधारित राजनीति करता है तो करता रहे।

भाजपा को जाति की दीवारों को तोड़कर समग्र समाज एवं प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए। सुल्तानपुर में बृहस्पतिवार को आयोजित भाजपा के काशी और गोरखपुर क्षेत्र की समन्वय बैठक में उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 58 से 60 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य दिया।

प्रदेश सरकार के मंत्रियों और भाजपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक में अरुण कुमार ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में सभी जाति और समाज के लोगों ने सहयोग किया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन भी सभी जातियों के लोग पूरी श्रद्धा भाव से पूजा पाठ में मग्न रहे।

उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि अब यूपी में जाति या समाज कोई मुद्दा नहीं हैं। विपक्षी दल जाति के नाम पर लोगों को भड़का नहीं सकते। उन्होंने कहा कि भाजपा और अनुषांगिक संगठनों को अंत्योदय के संकल्प को पूरा करने और विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सभी को साथ लेकर सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के मंत्र पर काम करना है।

राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे को घर-घर पहुंचाएंगे

लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा के मिशन 80 को पूरा करने के लिए बूथ स्तर तक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दा बनाने में संघ पूरी ताकत लगाएगा। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की स्थापना, काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति जैसे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे हथियार बनेंगे।

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