तू डाल डाल मैं पात पात, UPA-NDA आमने सामने
पिछले कुछ सालों में एनडीए के कुछ साथी इनसे दूर चले गए थे। जिनमें कर्नाटक का जनता दल यूनाइटेड और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना शामिल है। हालांकि बाद में थोड़ा ऊठ ने करवट बदली और शिवसेना के दो हिस्से हुए। जिनमें से एक हिस्सा जो काफी बड़ा भी है वह एनडीए के साथ आ गया।
देश में लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2024) से पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ऐसा लगता है यह चुनाव हर बार के लोकसभा चुनावों (Lok sabha Election) से थोड़ा अलग होने वाला है। क्योंकि जहां एक तरफ बेंगलुरु (Bnglore) में कल से सारा विपक्ष इकट्ठा हुआ है वही आज शाम 4 बजे दिल्ली में एनडीए दल की मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) करने वाले हैं। अब जब 23 पार्टियां विपक्ष के साथ आएगी तो NDA में भी हलचल होना लाजमी है। तो आज जो NDA में मीटिंग होने वाली है उसमें कुल 38 पार्टियां शामिल हो रही है। इनमें से 13 पार्टी है जिनकी एक भी लोकसभा सीट नहीं है। इसके बावजूद जंग जीतने के लिए हर सिपाही जरूर होता है।
वैसे ही NDA में हर पार्टी को महत्व दिया जा रहा है। सभी को बुलाया जा रहा है। पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने यूपीए (UPA) गठबंधन को भानुमति का कुनबा करार दे दिया है। उन्होंने कहा कि यूपीए के पास ना तो नेता है, ना नियत है, ना नीति, ना फैसला लेने की ताकत। ऐसे में भ्रष्टाचार और घोटालों से घिरे हुए यह सभी पार्टियां एनडीए का मुकाबला कैसे कर पाएंगे?पिछले कुछ सालों में एनडीए के कुछ साथी इनसे दूर चले गए थे। जिनमें कर्नाटक का जनता दल यूनाइटेड और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना शामिल है। हालांकि बाद में थोड़ा ऊठ ने करवट बदली और शिवसेना के दो हिस्से हुए। जिनमें से एक हिस्सा जो काफी बड़ा भी है वह एनडीए के साथ आ गया। इसके बाद अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (NCP) भी एनडीए (NDA) के साथ खड़ी हो गई।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में ओपी राजभर, बिहार में जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाह यह सभी नई पार्टियां आज बीजेपी के साथ खड़ी है। इन सभी का फायदा कहीं ना कहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हो सकता है। आज की NDA की बैठक में पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और नए नवेले साथी अजीत पवार भी शामिल होने वाले हैं। इसके अलावा पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के छोटे दल भी NDA में शामिल हो सकते हैं। जिनमें त्रिपुरा से टिपरा मोथा पार्टी का नाम चर्चा में है। इसके अलावा रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
बीजेपी का दावा है कि उनके साथ 38 पार्टियां है जिनमे से 23 दलों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें aiadmk, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, नेशनल पीपल पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, इंडिया मक्कल कलवी मुन्नेत्र कझगम, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, इंडिजिनल पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, बोडो पीपल पार्टी, पाताली मक्कल कच्छी, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी, अपना दल, असम गण परिषद, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, यूनाइटेड पीपल पार्टी, लिबरल ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस, पांडिचेरी, शिरोमणि अकाली दल संयुक्त और जनसेना यह सभी दल शामिल हैदोनों ही स्तर पर पार्टियां अपनी अपनी कमर कस चुकी है देखना होगा कि जनता 10 साल बाद भी मोदी सरकार को मौका देती है या नए चेहरे की तलाश करती है।