पहला पहला वोट है... जानिए एक करोड़ 82 लाख नए वोटर चुनाव में कितना प्यार बरसाएंगे मोदी पर और कितना विपक्ष पर

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-04-12 06:16 GMT


नई दिल्ली। देश में 15 से 29 साल के युवाओं की संख्या करीब 30 करोड़ है जबकि इस बार लोकसभा चुनाव में एक करोड़ 82 लाख युवा अपना पहला वोट डालेंगे। इन युवा मतदाताओं को रिझाने में तमाम दल लगे हैं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का जवाब नहीं। आलम यह है कि बृहस्पतिवार को पीएम मोदी ने देश के जाने-माने साथ गेमर्स के साथ गेम भी खेला, उनसे महिला गेमर की संभावनाओं पर बात की। गेमिंग और गैंबलिंग के फर्क पर लकीर भी खींची।

इस न्यूज़ को टीवी और सोशल मीडिया पर करोड़ों युवाओं ने देखा। अब आप जानते ही हैं कि युवाओं को गेमिंग कितना पसंद है तो उन पर इस न्यूज़ की क्या प्रतिक्रिया पड़ी होगी, इसका एक नमूना देखिए.। एक घर में युवा वोटर प्रभव ने जैसे ही यह खबर देखी तो कुछ ही देर में अपने कई दोस्तों को फोन करके बताया कि जल्दी से वह वीडियो देखो जिसमें मोदी गेम खेल रहे हैं और हमारे फेवरेट गेमर उनके साथ हैं और इस न्यूज़ से उसके दोस्तों में खुशी का ठिकाना नहीं था। इस खुशी का असर उनके वोट पर पड़ेगा या नहीं यह तो वही जाने लेकिन बेहिचक यह तो कहा ही जा सकता है कि मोदी ने इसी माध्यम से युवाओं का दिल जीत लिया। युवाओं पर अपनी पकड़ बनाने में मोदी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अभी हाल में ही पीएम मोदी ने देश के जाने-माने यूट्यूबर से एक कार्यक्रम में मुलाकात की। यूट्यूबर को सम्मानित किया और उनके चहेते बन गए। इस तरह से कई कार्यक्रम मोदी और युवा की दोस्ती का गवाह बना। बात विपक्ष की करें तो राहुल गांधी भी युवाओं को अपने से जोड़ने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। वह कभी युवाओं के साथ बाइक चलाते तो कभी दौड़ते नजर आते हैं। खुद 53 साल के हैं लेकिन सर्दी में भी टी-शर्ट में रहते हैं ताकि वह युवा देख सके और युवा उन्हें इसी बहाने पसंद करें। अरविंद केजरीवाल से लेकर ममता बनर्जी तक इन नए वोटर पर सियासी नजर बने हुए हैं। हालांकि इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद नए वोटर्स के मन को टटोलना तमाम नेताओं को मुश्किल में डाले हुए है।

पेपर लिक का क्या पड़ेगा असर

नए वोटर में राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश का दूसरा नंबर है। किसी प्रदेश में पिछले दिनों पुलिस भती की परीक्षा में पेपर लीक हुई। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। दरअसल मुख्यमंत्री योगी ने माफियाओं पर तो खूब बुलडोजर चलाया लेकिन पेपर लिक करने वाले माफिया अभी भी उनकी पकड़ से दूर हैँ। यही वजह है कि 17 मार्च को होने वाली यूपीपीसीएस की परीक्षा उन्होंने चुनाव के रिजल्ट तक आगे बढ़ा दिया क्योंकि उन्हें यह आशंका रही होगी कि कही इस परीक्षा की पेपर लीक हुई तो चुनाव के दौरान उनकी किरकिरी हो जाएगी और इसका असर नए वोटर पर पड़ेगा। हालांकि पेपर लिक का असर तो वोटर पर जरूर है। युवा कहते हैं कि उन्हें पेपर लिक से करियर में काफी नुकसान झेलना पड़ता है। वैसे मुख्यमंत्री योगी कई बार पेपर लीक करने वालों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कह कर युवाओं को अपनी तरफ लुभाने का प्रयास किया है लेकिन उन्होंने नए वोटर की नब्ज कितनी पकड़ रखी है यह कहना मुश्किल है। वैसे अधिकांश युवा मोदी की वाह वाही जरूर करते हैं और उनसे रोजगार की उम्मीद भी रखते हैं। बता दें कि आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी की दर घटी है। 2018-19 में बेरोजगारी दर 5.8 प्रतिशत थी तो 2022 और 23 में यह घट कर 3.8% पर आ गई है।

यूट्यूब पर केजरीवाल आगे तो इंस्टाग्राम और एक्स पर चोटी पर हैं मोदी

यूट्यूब पर भाजपा के सब्सक्राइबर 44 लाख, कांग्रेस के 58 लाख तो अरविंद केजरीवाल के 59 लाख हैं। वही एक्स पर मोदी के फॉलोअर 9.7 करोड़ तो केजरीवाल के कहीं नीचे 2.74 और राहुल गांधी 2.53 है। हालांकि वोटर वोट में कितने तब्दील होंगे यह बड़ा यक्ष प्रश्न है और इसका जवाब तो चुनाव के रिजल्ट में ही मिलेगा।

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