विज्ञापनों के लिए 1100 करोड़ पर जनता के लिए ठन ठन गोपाला

दरअसल रैपिड रेल दिल्ली हरियाणा और राजस्थान तीनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसकी प्रति घंटा रफ्तार 180 किलोमीटर रहने वाली है । इससे ना सिर्फ राजस्थान और हरियाणा से दिल्ली आने जाने वाली भीड़ कम होगी। बल्कि इन राज्यों से होने वाला व्यापार भी आसानी से हो पाएगा ।

Update: 2023-07-24 11:20 GMT

आम आदमी पार्टी (AAM AADMI Party) के लिए आज का दिन कुछ ज्यादा ही खराब है। जहां राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को बचे हुए सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट (SC) ने भी दिल्ली सरकार (Delhi Govt.) को फटकार लगाते हुए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट (RRTS) के लिए 2 महीनों के अंदर 415 करोड रुपए देने के आदेश दे दिए हैं।  

आज सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी के RRTS प्रोजेक्ट के लिए पैसे देने पर सुनवाई चल रही थी। जिसमे सुप्रीम कोर्ट (SC) के जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा की आम आदमी पार्टी के 1 साल के विज्ञापन का बजट उन पैसों से ज्यादा है जो आपको इस प्रोजेक्ट के लिए देना है। बेंच ने यह भी कहा कि अगर सरकार 3 साल के विज्ञापनों के लिए 1100 करोड़ खर्च कर सकती है तो जनता के लिए महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को भी फंड दे ही सकती है।इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए पैसे देने में कठिनाई होने की बात कही गई थी । जिसके बाद अदालत ने 2 हफ्तों का समय दिया था।

जिसमें दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों पर हुए खर्च का हिसाब देना था जब हिसाब सामने आया तो सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि अगर विज्ञापनों में इतना पैसा खर्च हो सकता है ऐसा प्रोजेक्ट दिल्ली- राजस्थान- हरियाणा को जोड़ रहा है उसके लिए सरकार को पैसा देने में कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए ।दरअसल रैपिड रेल दिल्ली हरियाणा और राजस्थान तीनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसकी प्रति घंटा रफ्तार 180 किलोमीटर रहने वाली है । इससे ना सिर्फ राजस्थान और हरियाणा से दिल्ली आने जाने वाली भीड़ कम होगी। बल्कि इन राज्यों से होने वाला व्यापार भी आसानी से हो पाएगा ।

यह प्रोजेक्ट मेट्रो सर्विस से अलग है और महत्वपूर्ण भी है। यह दिल्ली और दिल्ली के आसपास के लोगों के लिए जरूरी भी है । इससे ट्रैफिक और पोलूशन जैसी बड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली गाजियाबाद मेरठ को जोड़ने वाला 82.15 किलोमीटर लंबा रेल कॉरिडोर बनना है। जिसके लिए तीनों राज्यों से इस प्रोजेक्ट के लिए 3749 मिलियन डॉलर की मांग की गई है। जिसमें से दिल्ली सरकार को 415 करोड़ देने हैं ।जिसको लेकर दिल्ली सरकार आनाकानी कर रही है ।पर जहां एक तरफ दिल्ली सरकार इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए पैसे देने में असश्मता दिखा रही है। वहीं दूसरी तरफ विज्ञापनों पर मोटी रकम खर्च कर रही है इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।

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