स्वाति मालीवाल : चाल पर चाल सवाल पर सवाल ! संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठा बवाल, अब खुद सच्चाई का है बुरा हाल

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-05-18 09:02 GMT


नई दिल्ली। स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का मामला बुरी तरह उलझ गया है। इसमें भाजपा और आम आदमी पार्टी की तरफ से चला जा रहा चाल कई सवाल को उठा रहा है। चाल और सवाल का सिलसिला सांसद संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ है और इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब भी छुपा हुआ है।

याद कीजिए 13 तारीख को हुई इस घटना के बाद 14 तारीख को सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस घटना को उजागर किया था और बताया था कि स्वाति मालीवाल के साथ गंभीर रूप से बदसलूकी की गई। अब कल आतिशी ने इस घटना का खंडन कर दिया लेकिन संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस का फिर क्या मतलब ? क्या संजय सिंह ने मारपीट की बात झूठ बोली थी ? इस पर आतिशी का कहना है कि उस समय संजय सिंह ने सिर्फ स्वाति मालीवाल का पक्ष जाना था लेकिन आतिशी की यह बहुत बचकानी सी है क्योंकि संजय सिंह जैसे गंभीर और बड़े नेता इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले विभव कुमार से संपर्क नहीं करने की चूक कैसे कर सकते हैं। संजय सिंह की राजनीतिक कद देखकर यह कहीं से संभव नहीं लगता कि उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले विभव कुमार से या कम से कम सीएम आवास में तैनात कर्मियों से घटना के बारे में पूछताछ नहीं की होगी। तो फिर सवाल उठता है कि संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल का पक्ष लेते हुए उनके साथ बदसलूकी का मामला किस हालात में उठाया। क्या इसके पीछे भी आम आदमी पार्टी की कोई चाल थी ?

वीडियो बनाने की चाल किसने चली ?

अब बात करते हैं दूसरे चाल की। सीएम आवास के अंदर वीडियो बनाने की एक बात तो स्पष्ट है कि यह वीडियो सीएम आवास के ही किसी व्यक्ति ने बनाई होगीः अब यहां चर्चा कर लेते हैं आतिशी के उस बयान की जिसमें उन्होंने कहा कि स्वाति मालीवाल पूर्व नियोजित योजना के तहत केजरीवाल को फंसाने के लिए सीएम आवास आई थी तो फिर जिसने यह वीडियो बनाया उसे क्या इस साजिश का पता था। सवाल यह है कि वह किसके हित में वीडियो बना रहा था स्वाति के या केजरीवाल के। वैसे वीडियो बनाने वाला व्यक्ति दोनों पक्ष में से किसी एक का हो सकता है क्योंकि स्वाति मालीवाल भी आम आदमी पार्टी की ही सांसद है। हालांकि यह बात तो स्पष्ट है कि यह वीडियो किसी चाल, किसी साजिश का हिस्सा है क्योंकि इस वीडियो को घटना के चार दिन के बाद जारी किया गया।

विभव कुमार ने पुलिस को बताने की पहल खुद क्यों नहीं की

अगर इस मामले में विभव कुमार निर्दोष हैं तो उन्होंने थाने चलकर पुलिस को खुद क्यों नहीं घटना के बारे में बताया। वह एक मुख्यमंत्री के पीए हैं, इस नाते भी उन्हें आगे बढ़कर घटना के बारे में पुलिस को अवगत कराने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। कम से कम इतना तो वह कर ही सकते थे कि जब संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो तभी उन्हें घटना से पार्टी और पुलिस को अवगत करने में कोई हिचक नहीं करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे उन पर उंगली उठाना स्वाभाविक ही लग रहा है।

नड्डा का नाम क्यों

जिस तरह से आम आदमी पार्टी यह आरोप लगा रही है की आतिशी लंबे समय से जेपी नड्डा के संपर्क में थी तो इस बात की चर्चा पार्टी स्तर पर पहले क्यों नहीं हुई। अब इस मौके पर नड्डा का नाम लिया जाना है किसी साजिश का ही हिस्सा है।

तीन दिनों तक आतिशी क्यों चुप रही

आतिशी का कहना है कि वह तीन दिनों तक इसलिए चुप रही क्योंकि इस घटना से उनकी मानसिक हालत सहज नहीं थी। आतिशी की यह बात भी गले उतरने वाली नहीं है क्योंकि आतिशी कोई सामान्य महिला नहीं है। कई मौके पर उनकी क्रांति चर्चित रही है।

बहरहाल या मामला कब सुलझेगा, कब सच्चाई सामने आएगी, इसके लिए इंतजार करने के अलावा और कोई चारा नहीं।  

 

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