सुप्रीम कोर्ट का फैसला, NCPCR की सिफारिशों पर रोक, मदरसों को मिलती रहेगी सरकारी फंडिंग
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाल अधिकार निकाय NCPCR की उन सिफारिशों पर रोक लगा दी है जिनमें गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को राज्य से मिलने वाली वित्तीय सहायता बंद करने की बात कही गई थी। इस फैसले से मदरसों को कुछ राहत मिली है जिन्हें शिक्षा के अधिकार का कानून (Right to Education Act) का पालन नहीं करने पर सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार के इस आदेश के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद ने याचिका दायर की थी। उत्तर प्रदेश सरकार का यह आदेश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की रिपोर्ट पर आधारित था। इसमें राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का पालन नहीं करने वाले मदरसों की मान्यता रद्द करने और सभी मदरसों की जांच करने को कहा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि एनसीपीसीआर द्वारा सात जून और 25 जून को जारी किए गए 27 जून तक के संचार पर रोक लगाई जाती है और इसके बाद उठाए गए सभी कदमों पर रोक लगाई जाती है। पीठ ने यह भी कहा कि राज्यों के परिणामी आदेशों पर भी रोक रहेगी। वहीं न्यायालय ने मुस्लिम संगठन को उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा के अलावा अन्य राज्यों को अपनी याचिका में पक्षकार बनाने की भी अनुमति दे दी।