अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, इस दिन आ सकता है फैसला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में जमानत के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों से शनिवार तक लिखित में दलीलें मांगी है। इस मामले में 10 सितंबर को फैसला आ सकता है।
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो बार रिहा किया था- एक बार मई में चुनाव प्रचार करने के लिए और दूसरी बार उन्हें आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी। सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जबकि पिछले दो सालों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। यह बीमा गिरफ्तारी का मामला था। सिंघवी ने जमानत पर अपनी दलीलें समाप्त करते हुए कहा कि केजरीवाल समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं, वे कोई कठोर अपराधी नहीं हैं।
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उनकी प्रारंभिक आपत्ति यह है कि केजरीवाल को जमानत के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने के बजाय पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए। राजू ने कहा कि केजरीवाल एक असाधारण व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है। वह एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तित्व हैं। अन्य सभी 'आम आदमी' को सत्र न्यायालय जाना होगा।
बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 26 जून को सीबीआई ने केजरीवाल को इसी केस से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है लेकिन सीबीआई मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है जिसकी वजह से वह अभी भी न्यायिक हिरासत में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।