आम आदमी पार्टी में फूट, और भी छोड़ सकते हैं पार्टी, पांच सांसद चुप क्यों?
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद का मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह बात अब जोर पकड़ने लगी है कि क्या आम आदमी पार्टी से आगे और भी इस्तीफा सामने आएंगे। राजनीतिक गलियारों में तो चर्चा है कि आम आदमी पार्टी में फूट पड़ गई है। वैसे भी इस चर्चा को नकार पाना मुश्किल है।
सोचने की बात है कि जब पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है तो पार्टी के बड़े नेताओं को पार्टी बचाने की कोशिश में आगे आना चाहिए लेकिन यहां तो हालत यह है कि आम आदमी पार्टी के पांच राज्यसभा सांसद भी चुप है, आखिर क्यों। उधर, राजकुमार आनंद ने बृहस्पतिवार को फिर यह बात दोहराई कि उन्होंने ईडी के डर से नहीं बल्कि पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार व्याप्त होने के चलते मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।
उन्होंने कहा कि ईडी ने उनके घर पर भी छापा मारा था लेकिन कुछ नहीं मिला। अगर वह भ्रष्ट होते तो ईडी को अपनी कार्रवाई में मेरे खिलाफ कुछ ना कुछ सबूत मिलता। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में दलित का सम्मान नहीं है, यह एक मुखय वजह रही आप से बाहर निकलने का। उन्होंने सौरभ भारद्वाज की उसे बयान की आलोचना की जिसमें सौरभ ने कहा कि राजकुमार आनंद दलित और कमजोर होने के चलते पार्टी छोड़ दिया। राजकुमार आनंद ने कहा कि क्या सौरभ भारद्वाज यह कहना चाहते हैं कि दलित कमजोर होते हैं, अगर ऐसा कहना चाहते हैं तो मैं यह अपमान कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता।
उधर, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कहा कि सौरभ भारद्वाज लगातार दलित विरोधी बात कर रहे है। वह दलित समाज को अपमानित कर रहे हैं। वहीं, एक बड़ा सवाल है कि राज्यसभा के पांच सांसद पार्टी की ऐसी विपरीत परिस्थितियों में चुप्पी क्यों लगा रखी है। ऐसे में क्या यह चुप्पी पार्टी की फूट की ओर इशारा कर रही है।