देश में जाति आधारित जनगणना की मांग लेकर RJD के लोग धरने पर बैठे, तेजस्वी यादव ने कहा- भाजपा के लोग चाहते हैं कि कचड़ा उठाने वाले की आने वाली पीढ़ी भी वही काम करे

Update: 2024-09-01 11:24 GMT

पटना। 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसची में शामिल करने और देश में जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य राजद नेता आज यानी रविवार को धरने पर बैठ गए हैं।

इस दौरान तेजस्वी यादव कहा कि मुद्दा यह है कि महागठबंधन की सरकार में जब हम बिहार के उपमुख्यमंत्री थे तो हमने पिछड़े, अति-पिछड़े, दलित समाज के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाया। हम लोगों ने आरक्षण बढ़ाया जिसे हम सुरक्षित करना चाहते थे। यह भाजपा के लोग नहीं चाहते। भाजपा के लोग चाहते हैं कि कचड़ा उठाने वाले की आने वाली पीढ़ी जिंदगी भर वही काम करे। भूमिहीन को जमीन न मिले, भिखारी को जीवन भर भिखारी बनाकर रखो यानी जो चंद लोग हैं मलाई खाने का अधिकार केवल उन्हीं को है।

उन्होंने कहा कि आखिर क्यों सभी बड़े समाजवादी नेताओं ने समय-समय पर जाति आधारित जनगणना की बात की। आज भी समाज में भेदभाव होता है। जाति का नाम लेकर गाली दी जाती है। आज जब हम लोग गिनती की बात करते हैं तो वो लोग कहते हैं कि हम बाटने की बात कर रहे हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि लोग अपने नाम के आगे नाम लिखते हैं। ये क्या तेजस्वी, लालू या राष्ट्रीय जनता दल ने बनाया। किसने यादव, मिश्रा, दास या कुशवाहा बनाया। हम तो कह रहे हैं कि चाहें कोई भी जाति के लोग हों आज उनकी स्थिति क्या है यह पता करो। यह पता करो कि गरीबी सबसे ज्यादा किस जाति में है उसका पता करो और फिर उस जात को गरीबी से निकालो। हम केवल इतना ही चाहते हैं। हम लोगों ने तय किया कि हम लोग आरक्षण को बढ़ा दें क्योंकि जितनी जिसकी आबादी उसी हिसाब से उसे उसका उतना अधिकार मिलना चाहिए लेकिन इतने में हमारे चाचा जी नीतीश कुमार पलट गए। हम लोग नौकरी दे रहे थे,आरक्षण बढ़ा रहे थे, जाति आधारित जनगणना करवा रहे थे। उन्हीं के मंत्री ने मेरे साथ बैठकर प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार कहते थे कि जब हम जातिगत जनगणना करवा रहे थे तो भाजपा वाले कोर्ट चले गए।

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