रिहा होने के बाद श्रीनगर पहुंचे राशिद इंजीनियर, कहा- पीएम मोदी का अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला मुझे मंजूर नहीं

Update: 2024-09-12 07:30 GMT

जम्मू। आतंकी फंडिंग मामले में जमानत मिलने के बाद बारामुल्ला के सांसद राशिद इंजीनियर श्रीनगर पहुंचे। 5 साल के अंतराल के बाद श्रीनगर में उतरते ही राशिद ने झुककर उसकी धरती को चूमा और सजदा किया।

बता दें दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत द्वारा आतंकी फंडिंग मामले में बुधवार को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया।

राशिद इंजीनियर ने कहा कि मैं कश्मीर और कश्मीरियों को संदेश देना चाहता हूं कि हम कमजोर नहीं हैं, कश्मीर के लोग जीतेंगे। 5 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने जो फैसला लिया है वह हमें बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। इंजीनियर राशिद को जेल भेज दें या जहां चाहें वहां भेज दे लेकिन हमें यकीन है कि हम जीतेंगे।

बता दें 5 अगस्त 2019 के दिन केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-A को निरस्त कर दिया था और राज्य का पुनर्गठन कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।

उन्होंने कहा कि वह आत्मसम्मान, गरिमा वाली शांति चाहते हैं, कब्रिस्तान की शांति नहीं। वह अपने लोगों के लिए लड़ेंगे जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कश्मीर के दावे को अपने वोटों से कुचल दिया। वहीं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में कहा कि वह एक ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसे उमर और महबूबा नहीं लड़ सकते। उनकी लड़ाई उन दोनों से बहुत बड़ी है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव 2024 में इंजीनियर रशीद ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। उन्होंने जेल में रहते हुए लोकसभा चुनाव बारामूला से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बड़े अंतर से हराया था। उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरते हुए चुनाव जीता था।

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