राजेंद्र नगर आईएएस कोचिंग हादसा: दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपी
नई दिल्ली। दिल्ली के राजेंद्र नगर के राव आईएएस कोचिंग सेंटर में शनिवार को बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज फिर से सुनवाई शुरू हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच के तरीके पर पुलिस को फटकार लगाई। जज ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि गनीमत है कि आपने बेसमेंट में घुसने के लिए बारिश के पानी का चालान नहीं काटा। इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी है।
कोर्ट छात्रों की मौत को लेकर पुलिस की ओर से एक एसयूवी ड्राइवर की गिरफ्तारी का जिक्र कर रही थी। जिस पर बारिश के पानी से भरी सड़क पर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया था। आरोप था कि गाड़ी के निकलने से पानी बढ़ गया और गेट टूट गए जिससे बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भर गया।
पुलिस द्वारा उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप हटाने के बाद ड्राइवर मनुज कथूरिया को गुरुवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जब कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्हें पता है कि बिल्डिंग प्लान को मंजूरी किसने दी तो दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया कि उन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी है।
जवाब सुनकर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आप ऐसे बात कर रहे हैं जैसे आपके पास कोई पावर ही नहीं है। आखिर आप पुलिस हैं। आपको सब कुछ मिलेगा। आप जाकर एमसीडी ऑफिस से फाइलें जब्त कर सकते हैं। आपको बताना होगा कि यह कैसे करना है, आपके अधिकारी नौसिखिए नहीं हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि यह कैसे करना है क्या आपको लगता है कि कोई अपराधी आपके सामने आकर अपना अपराध कबूल करेगा।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पूछा कि नगर निगम के अधिकारियों ने राजेंद्र नगर में जाम बरसाती नालों के बारे में आयुक्त को सूचित क्यों नहीं किया। अदालत ने कहा कि यह एक आदर्श बन गया है और एमसीडी अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है।