पानी पर पॉलटिक्स ! हरियाणा ने घटाई सप्लाई, भीषण गर्मी में दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति ठप
नई दिल्ली। दिल्ली समेत देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है। इस बीच दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। इसे लेकर दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि जिन इलाकों में दिन में दो बार पानी आती है, वहां अब एक बार पानी आएगा। बचे पानी को उन इलाकों में सप्लाई किया जाएगा, जहां पानी नहीं आ रहा है। सरकार ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि पानी का बर्बादी ना करें। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर पानी की बर्बादी नहीं रुका तो जुर्माना लगाया जा सकता है।
दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी ने बताया कि गर्मी के महीने में यमुना में औसतन 674.5 फीट ही पानी बनाए रखना पड़ता है। बीते साल अप्रैल, मई और जून महीने में वजीराबाद में हमेशा यही जल स्तर बना भी रहा था लेकिन इस साल एक मई से हरियाणा ने दिल्ली को अपने हिस्से का पानी देना कम कर दिया है जिसके वजह से यमुना का जल स्तर लगातार गिर रहा है। एक मई को यमुना का जलस्तर 674.5 फीट था, जो 28 मई को 669.8 फीट पर आ गया है। इसी वजह से दिल्ली में जल संकट बढ़ गया है। इसे देखते हुए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज हम दिल्ली के कुछ हिस्सों को बिल्कुल जीरो वाटर सप्लाई पर नहीं छोड़ सकते हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि पानी का इस्तेमाल तर्क संगत तरीके से करें। पानी की बर्बादी न करें। अपनी गाड़ियों को खुली पाइप से न धोएं, कहीं पर पानी की सप्लाई का इस्तेमाल गाड़ियां धोने में न किया जाए। टंकियों से पानी ओवरफ्लो न हो। घर में हर दिन जितना संभव हो, बर्बाद होने से बचाएं। पानी का अच्छे से प्रबंधन करें। अगर पानी की बर्बादी नहीं रुकी तो चालान भी किया जा सकता है।
जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने एक मई से यमुना में पानी की सप्लाई कम कर दी है। साथ ही कहा है कि अगर एक दो दिन में पानी की सप्लाई में सुधार नहीं होता है तो हम कोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने हिमाचल से 50 एमजीडी पानी लेने का एमओयू किया है लेकिन हरियाणा ने अपर यमुना बोर्ड में इसे रोक दिया है। पानी की स्तर गिरने से रोजाना करीब 30-45 एमजीडी पानी का उत्पादन घट जाता है।
वहीं अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार से सवाल करते हुए निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के महीने से पता चल गया था कि इस बार भीषण गर्मी पड़ने वाली है और ये गर्मी लंबी चलने वाली है। मैं दिल्ली सरकार से एक सवाल पूछना चाहता हूं कि 'समर एक्शन प्लान' पर काम क्यों नहीं हुआ? दिल्ली में पानी की कमी के उपाय पहले से क्यों नहीं किए गए? पूरे अप्रैल और मई महीने में आम आदमी पार्टी की सरकार सिर्फ राजनीतिक ड्रामेबाजी में लगी रही। सभी मंत्री केवल पार्टी का काम करते रहे लेकिन दिल्ली की चिंता किसी ने नहीं की। आप पंजाब और हिमाचल प्रदेश से पानी ले सकते थे। दिल्ली को पानी और बिजली देना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए थी लेकिन आपने सिर्फ कोरे वादे किए।