MCD स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर सियासी बवाल, आप ने बताया गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में विवाद बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय और आप नेता मनीष सिसोदिया ने आज शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आप ने उपराज्यपाल के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के आदेश को गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक बताया है।
आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि कल मेयर शेली ओबेरॉय नगर निगम की स्थायी समिति की सीट के लिए चुनाव कराने की कोशिश करती रहीं लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिर, अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए, उन्होंने चुनाव और सदन की बैठक के लिए एक और तारीख निर्धारित की। बाद में एलजी ने एमसीडी कमिश्नर को कल रात 10 बजे तक चुनाव कराने का आदेश दिया। पूरी रात बीजेपी के पार्षद वहां मौजूद रहे, जबकि आप और कांग्रेस के पार्षद नदारद रहे।
उन्होंने आगे कहा कि अब वे एमसीडी के अतिरिक्त आयुक्त के अधीन दोपहर एक बजे तक चुनाव कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मैसी ने जो किया, वही यहां एमसीडी कमिश्नर अहविनी कुमार कर रहे हैं। एमसीडी कमिश्नर आधुनिक मैसी हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी के नेतृत्व में निर्वाचित सदन कैसे बुलाया जा सकता है? इसीलिए कहा जाता है कि बीजेपी संविधान का सम्मान नहीं करती। उन्होंने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है।
मेयर शेली ओबेरॉय ने कहा कि एलजी के आदेश पर एमसीडी कमिश्नर ने कल रात आदेश जारी किया कि दोपहर एक बजे स्टैंडिंग कमिटी मेंबर का चुनाव कराया जाएगा। यह आदेश अवैध एवं असंवैधानिक है। एलजी के पास सदन के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोई शक्ति नहीं है। इसके बाद बीजेपी ने कल सदन की कार्यवाही को 2-3 बार बाधित किया और चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की उनकी कोशिशें भी जारी रहीं। उन्होंने कहा कि इसके बाद, मुझे सदन को 5 अक्टूबर तक स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। कानूनी तौर पर चुनाव 5 अक्टूबर को ही हो सकता है. एमसीडी कमिश्नर को पत्र भेजकर बताया गया है कि कल जारी किया गया नोटिस अवैध है। आखिर बीजेपी की क्या मंशा है कि वह इस तरह से चुनाव कराना चाहती है।
दरअसल कल यानी गुरुवार को स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का चुनाव होने वाला था, जिसे मेयर शैली ओबेरॉय ने पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया। इसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 27 सितंबर को दोपहर एक बजे स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव कराने का आदेश दिया। उपराज्यपाल के इस आदेश के बाद आम आदमी पार्टी ने स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया।