भाजपा विधायक के बयान पर यूपी में सियासी भूचाल! अखिलेश यादव बोले- भाजपा के अपने ही लोगों में हड़बड़ाहट है

Update: 2024-07-13 11:16 GMT

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा जिससे पार्टी नेताओं में अंदरूनी कलह शुरू हो गया है। इसी बीच जौनपुर की बदलापुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रमेशचंद्र मिश्रा के एक वीडियो संदेश ने राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। दरअसल इस वीडियो में भाजपा विधायक ने प्रदेश में पार्टी की हालत को बेहद खराब बताया है और कहा कि केंद्र सरकार को कुछ बड़े फैसले लेने होंगे। साथ ही दावा करते हुए कहा कि पीडीए ने जो भ्रम फैलाया है, उससे भाजपा की स्थिति खराब है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो 2027 में भाजपा की यूपी में सरकार नहीं बन पाएगी।

भाजपा विधायक रमेशचंद्र मिश्रा के इस बयान के बाद राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उसके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर निशाना साधा है और भाजपा की राजनीति को शोषण करने वाली नकारात्मक राजनीति बताया है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की ‘पीडीए’ की नीति- आम जनता को उसका हक दिलवानेवाली, आम जनता का कल्याण करनेवाली, शोषण-उत्पीड़न से आम जनता की रक्षा करनेवाली, संविधान-आरक्षण को बचानेवाली, पिछड़े-दलितों-अल्पसंख्यकों-आदिवासियों-आधी आबादी और अगड़ों में भी उत्पीड़ितों को प्रभुत्ववादियों के अत्याचार से बचानेवाली, किसान, मजदूर, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा, दुकानदारों और बाकी सबका भी ख़्याल रखनेवाली, समाज के हर वर्ग और तबके को जोड़नेवाली, सामुदायिक राजनीति का नया युग शुरू करनेवाली, सामाजिक सौहार्द, एकता, भाईचारे को एक सूत्र करनेवाली और सकारात्मक राजनीति का नया इतिहास लिखनेवाली नीति है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की आम जनता का शोषण करनेवाली, समाज को तोड़नेवाली नकारात्मक राजनीति के पास पीडीए की पॉजिटिव पॉलिटिक्स का कोई जवाब नहीं है। इसीलिए भाजपा के अपने ही लोगों में हड़बड़ाहट है। पीडीए ही भाजपा के अंदर-बाहर भगदड़ का कारण बन रहा है। भाजपा के तथाकथित सहयोगी भी या तो किसी बहाने से भाजपा से बाहर आना चाहते हैं या वैचारिक दूरी दिखाना चाहते हैं। कोई चिट्ठी को माध्यम बना रहा है, कोई अपनी नाराजगी भरे बयान को और कोई अंदरूनी जनप्रतिनिधि ऐसे किसी वीडियो को। भाजपाई खेमे की चिंता सिर्फ यूपी के 2027 के चुनाव हारने की ही नहीं है बल्कि भविष्य का हर चुनाव हारने की है। उन्होंने कहा कि पीडीए एक नव जागरण है। आज की जागरूक जनता में जो नयी सामाजिक-आर्थिक चेतना आ गयी है, उसी का नाम ‘पीडीए’ है। पीडीए वर्तमान के पटल पर सामाजिक अखंडता के नये भविष्य का उद्घोष है।

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