पीएम मोदी ने 'पीएम विश्वकर्मा' लाभार्थियों को दिया प्रमाण पत्र, 15,000 रुपये का ई-वाउचर, कारोबार बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपये का दिया जाएगा लोन

Update: 2024-09-20 08:45 GMT

वर्धा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्धा में राष्ट्रीय 'पीएम विश्वकर्मा' कार्यक्रम में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद पीएम विश्वकर्मा लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और ऋण वितरित किए। इस दौरान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार भी मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने वर्धा में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कि महाराष्ट्र में दशकों तक कांग्रेस और बाद में महा विकास अघाड़ी सरकार ने कपास को महाराष्ट्र के किसानों की ताकत बनाने के बजाय उन्हें बदहाली में धकेला, किसानों के नाम पर राजनीति की और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। 2014 में जब देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी तो अमरावती में टेक्सटाइल पार्क का काम शुरू हुआ। कांग्रेस और उसके मित्रों ने जानबूझकर एससी, एसटी और ओबीसी के लोगों को आगे नहीं बढ़ने दिया। हमने सरकारी व्यवस्था से कांग्रेस की इस दलित-विरोधी और पिछड़ा-विरोधी सोच को खत्म कर दिया है। पिछले एक साल के आंकड़े बताते हैं कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक 6.5 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी मुहैया कराए जा चुके हैं। इससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15,000 रुपये का ई-वाउचर भी दिया जा रहा है। कारोबार बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा रहा है। मुझे खुशी है कि 1 साल के अंदर ही विश्वकर्मा भाई-बहनों को 1400 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है। यानी विश्वकर्मा योजना हर पहलू का ध्यान रख रही है। इसीलिए ये इतनी सफल हो रही है और लोकप्रिय हो रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि इसी दिन 1932 में महात्मा गांधी ने छुआछूत के खिलाफ अभियान शुरू किया था। विश्वकर्मा योजना के एक साल पूरा होने का यह उत्सव विकसित भारत के हमारे संकल्पों को नई ऊर्जा देगा। मैं इस अवसर पर विश्वकर्मा योजना से जुड़े सभी लोगों, देशभर के सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज अमरावती में पीएम मित्र पार्क का भी शिलान्यास किया गया है। आज का भारत अपने कपड़ा उद्योग को वैश्विक बाजार में शीर्ष पर ले जाने के लिए काम कर रहा है। देश का लक्ष्य भारत के कपड़ा क्षेत्र के हजारों साल पुराने गौरव को फिर से स्थापित करना है।

उन्होंने कहा कि अब तक 6.5 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी मुहैया कराए जा चुके हैं। इससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15,000 रुपये का ई-वाउचर भी दिया जा रहा है। कारोबार बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा रहा है। मुझे खुशी है कि 1 साल के अंदर ही विश्वकर्मा भाई-बहनों को 1400 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है। यानी विश्वकर्मा योजना हर पहलू का ध्यान रख रही है। इसीलिए ये इतनी सफल हो रही है और लोकप्रिय हो रही है।

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