संविधान वर्षगांठ पर बोले रिजिजू डॉ. अंबेडकर इस देश के पहले कानून मंत्री बने लेकिन उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया?
नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भारतीय संविधान की गरिमा और उसकी सार्वभौमिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की शुरुआत में ही उनकी सरकार ने संविधान की भावना का पालन करते हुए 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' का मंत्र देश को दिया।
रिजिजू ने आगे कहा कि मैं एक ऐसे क्षेत्र से आता हूं जहां हवाई जहाज पहले दिखे लेकिन कारें बाद में आईं क्योंकि सड़कों का निर्माण मेरे सांसद बनने के बाद हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्हें कानून मंत्री का पद मिला और संसद में वह स्थान दिया गया जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बैठते थे, तो उन्होंने बाबा साहब के अधूरे सपनों को समझने और उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास किया।
बाबा साहब अंबेडकर के योगदान का जिक्र करते हुए रिजिजू ने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस देश के पहले कानून मंत्री बने लेकिन उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, यह चर्चा का विषय है। मैंने वह पत्र पढ़ा जो उन्होंने पंडित नेहरू को लिखा था। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं, बल्कि सबसे सुंदर संविधान है। यह समावेशिता और समानता का प्रतीक है।