ना गाँधी परिवार और नाही खरगे, अब ये 3 नेता है, लोकसभा चुनाव में काँग्रेस के तरणहार !!

Update: 2023-12-25 08:20 GMT

दिल्ली: मल्लिकार्जुन खरगे २६ अक्टूबर,  2022 में काँग्रेस के अध्यक्ष बन गए थे लेकिन लंबे विचार विमर्श के बाद एक साल से अधिक समय बीतने के बाद आपकी कमेटी घोषित कर पाए।

इस घोषित कमेटी में ऐसे तो कुछ अप्रत्याशित नहीं है परंतु 3 नाम ऐसे है जिन पर लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की जीत का दारोमदार निर्भर करता है या यों कहें कि वो तारणहार की भूमिका में है।

ये नाम है महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, महासचिव दीपा दासमुंशी और गांधी परिवार के विश्वस्त CWC सदस्यता राजीव शुक्ला।

काँग्रेस की इस समय सिर्फ 3 राज्यों में ही सरकारें है, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और अभी हाल ही में जीता राज्य तेलंगाना। काँग्रेस पार्टी 2014 से केंद्र में सरकार में नहीं है और राज्यों में भी उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही। पार्टी इस समय वित्तीय संकट से गुजर रही है हाल ही में पार्टी ने 138 वर्ष पर डोनेशन अभियान शुरू किया है इसके सफल होने की संभावना बहुत कम ही है क्योंकि अधिकतर राज्यों में पार्टी सरकार से बाहर है और कोई व्यापारिक संस्थान या कॉर्पोरेट इस समय भाजपा की सरकारों से नाराजगी लेना नहीं चाहेगा।

इन हालातों में पार्टी को लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए संसाधन केवल और केवल, काँग्रेस शासित राज्य कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश से ही इकट्ठे करने होंगे। इसलिए पार्टी ने अपने सबसे विश्वस्त लोगों को इस राज्यों का प्रभारी बनाया है। राहुल गाँधी के बेहद करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला को महासचिव प्रभारी के रूप में कर्नाटक की जिम्मेदारी फिर से दी है। बंगाल की दीपा दासमुंशी को नए राज्य तेलंगाना का प्रभारी बनाया गया है। दीपा दासमुंशी सोनिया गांधी की बहुत ही खास है और प्रियंका गांधी के नजदीक राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है।

ये बात सभी जानते है कि काँग्रेस मे आलाकमान अपने प्रभारियों के माध्यम से ही राज्य सरकारों पर नियंत्रण रखता है। अब इन तीनों प्रभारियों पर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने और "डोनेट फॉर देश" अभियान को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है।

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