तीन दशक बाद कश्मीर में मनाया गया मुहर्रम, प्रशासन की हो रही है तारीफ
जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) में कल का दिन बेहद खास रहा तीन दशकों के बाद पहली बार घाटी में पैगंबर मोहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन की जय जयकार के बीच मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। 34 साल के लंबे इंतजार बाद पहली बार ऐसा हुआ जब श्रीनगर के गुरु बाजार और लाल चौक के साथ वाले रोड से मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। वो भी शांतिपूर्ण तरीके से। इससे साफ होता है कि जम्मू कश्मीर के हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। लोग बदल रहे हैं। शिया समुदाय के द्वारा निकाले गए इस जुलूस में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।
सभी ने काले कपड़े पहने हुए थे। पर इसमें ना कोई राजनीतिक नारा गूंजा ना किसी आजादी समर्थन या राष्ट्र विरोधी नारे लगे ना तो किसी और देश का झंडा लहराया गया ना कोई पोस्टर नजर आया इस तरह पूरी शांति और धार्मिक सद्भाव के साथ जुलूस निकाला गया। प्रशासन ने भी जुलूस निकालने के लिए सुबह 6 से 8 तक का समय निर्धारित किया था। श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में जुलूस में शामिल आये। लोगों की श्रद्धा देखते हुए प्रशासन ने जुलूस का समय 11 बजे तक के लिए बढ़ा दिया। जिसके बाद लोगों ने खुशी-खुशी तय समय पर अपना मोहर्रम का जुलूस पूरा किया।
जिससे कश्मीर के लोगों के चेहरे पर एक मुस्कान देखने को मिली। कश्मीर में सबसे बड़ा जुलूस जहांगीर चौक-बडशाह चौक-सेंट्रल टेलीग्राफ कार्यालय-मौलाना आजाद रोड से होते हुए। शांतिपूर्ण गुजरा और डलगेट में जाकर पूरा हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर 1988 के बाद पहली बार मोहर्रम का ताजिया श्रीनगर से सिविल सचिवालय के पास गुरु बाजार से डल गेट तक पारंपरिक मार्ग से निकल पाया। इसके लिए प्रशासन ने शर्त रखी थी कि इस दौरान कोई राजनीति या राष्ट्र विरोधी नारेबाजी नहीं की जाए। जिसका असर जुलूस में दिखा इस जुलूस में श्रीनगर के कई बड़े चेहरे भी शामिल हुए।
प्रतिबंध का कारण
कश्मीर में 1988 के बाद 8 मुहर्रम जुलूस पर प्रतिबंध लगाया गया था। 1989 में मुहर्रम के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक की मौत के कारण कश्मीर का हालात खराब हो रहे थे। जिन्हे देखकर जुलूस निकालने पर बंदी लाई गई थी। जिसके बाद 1990 से कश्मीर में अलगाववादी संगठन एक्टिव हो गए ।वे जुलूस के बहाने अपनी सियासत करते थे। इसलिए जुलूस के लिए बंदी लाई गई थी। पर अब जब हालात सुधर रहे है तो जुलूस निकालने की इजाजत भी दी गई।
कुल मिलाकर प्रशासन के कामकाज से जनता काफी खुश है। खास कर उन्हें अपने त्यौहार मनाने को मिल रहे है वो भी बिना किसी रोक टोक के। इसका श्रेय कही न कही मोदी सरकार के धारा 370 को हटाने को जाता है।