मोदी सरकार ने 5 भाषाओं को क्लासिकल लैंग्वेज का दिया दर्जा

Update: 2024-10-03 17:30 GMT

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भारतीय भाषाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने 5 भाषाओं को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने जिन पांच भाषाओं को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया उसमें बांग्ला, मराठी, पाली, प्राकृत और असमिया शामिल हैं।

इसे लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति का मूल हैं। ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं हैं। वे अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं। शास्त्रीय भाषाओं के रूप में उनकी मान्यता भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान करती है। मुझे विश्वास है कि उन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के कैबिनेट के फैसले के बाद, अधिक लोग उनके बारे में जानने के लिए प्रेरित होंगे।

उन्होंने आगे कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद असमिया को अब शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल जाएगा। असमिया संस्कृति सदियों से समृद्ध रही है और इसने हमें एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है। आने वाले समय में यह भाषा और भी अधिक लोकप्रिय होती रहेगी। मेरी बधाई।

पीएम मोदी ने मराठी भाषा को लेकर कहा कि मराठी भारत का गौरव है। इस अभूतपूर्व भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर बधाई। यह सम्मान हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है। मराठी हमेशा से भारतीय विरासत का आधार रही है। मुझे यकीन है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से और भी अधिक लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे।

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