कानून मंत्री ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल किया पेश, विपक्ष ने बिल वापस लेने की मांग की, जानें बिल पर किसने क्या कहा?

Update: 2024-12-17 08:40 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा में एक देश एक चुनाव विधेयक पेश कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को सदन के पटल पर रखा। विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है। विपक्ष ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।

लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" बिल का बचाव करते हुए इसे संविधान सम्मत बताया। उन्होंने अनुच्छेद 368, 327 और 83 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि यह संशोधन पूरी तरह वैध है और संघीय ढांचे पर कोई आघात नहीं करता।

मेघवाल ने 41 साल से लंबित इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि "जो नेता दूरदर्शी होता है, वही इतिहास बनाता है।" उन्होंने विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की सिफारिश की।

स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि नई संसद में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन के जरिए मतदान हो रहा है और आवश्यक संशोधन की अनुमति भी दी जाएगी। विपक्ष की मांग पर सदन में डिवीजन प्रक्रिया पूरी की गई।

ई-वोटिंग पर आपत्ति के बाद अमित शाह बोले- इन्हें पर्ची दीजिए

वन नेशन-वन इलेक्शन बिल स्वीकार करने के लिए ई-वोटिंग की गई। बिल के पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े। इसके बाद जब विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई तो अमित शाह ने कहा कि इन्हें पर्ची दे दीजिए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि विपक्ष को अगर आपत्ति हुई तो वो सांसद पर्ची के माध्यम से भी अपना वोट संशोधित कर सकता है।

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