आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए तोड़फोड़ मामले में कोलकाता पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, 9 लोग गिरफ्तार

Update: 2024-08-15 08:17 GMT

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीती रात कुछ प्रदर्शनकारी अचानक घुस गए और जमकर तोड़फोड़ की। कोलकाता पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कल रात कोलकाता पुलिस ने घटना के ठीक बाद मामला दर्ज किया था। मामले से संबंधित कई सीसीटीवी फुटेज बरामद किए हैं जिनकी गहन जांच की जा रही हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि वे आरोपी भीड़ की पहचान कर रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज से इन 9 लोगों की पहचान की गई, जिसके तुरंत बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि बीती रात में हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों में से कुछ अज्ञात व्यक्ति अचानक अंदर घुस गए और शोर मचाना शुरू कर दिया। गुस्साए प्रदर्शनकारी अस्पताल के दरवाजे, खिड़कियां, बेड और मेडिकल उपकरण सब कुछ नष्ट करते चले गए। साथ ही अस्पताल के उस भाग में भी तोड़फोड़ की जहां लेडी डॉक्टर पर बलात्कार और हत्या का घटना हुआ था। अस्पताल के डॉक्टरों के साथ भी अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने मारपीट की।

कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने कहा कि अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी, जिसके कारण वहां उग्र भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने पूरी कोशिश की लेकिन महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या का मामला बेकाबू हो गया। उन्होंने कहा कि यहां जो कुछ हुआ है वह पुलिस के लिए चल रहे गलत मीडिया अभियान के कारण हुआ है, जो दुर्भावनापूर्ण है। कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया है? पुलिस ने इस मामले में सब कुछ किया है।

उन्होंने कहा कि हमने परिवार को संतुष्ट करने की कोशिश की है लेकिन अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। मैं लोगों के भरोसे से बेहद नाराज हूं। हमने कभी नहीं कहा कि केवल एक ही व्यक्ति आरोपी है। हमने कहा है कि हम वैज्ञानिक सबूतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसमें समय लगता है। सिर्फ अफवाहों के आधार पर मैं एक युवा पीजी छात्र को गिरफ्तार नहीं कर सकता। यह मेरी अंतरात्मा के खिलाफ है, मीडिया का बहुत दबाव है स्पष्ट है कि हमने जो किया वह सही है अब, इसकी जांच सीबीआई कर रही है। गलत प्रचार किया जा रहा है कि हड्डियां तोड़ दी गईं, यह किया गया और वह किया गया, दुर्भाग्य से, इसके वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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