उत्तराखंड के कैंची धाम मंदिर में 'अमर्यादित' कपड़ों में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है

Update: 2023-08-08 10:19 GMT

 नैनीताल में स्थित जगत प्रसिद्ध कैंची धाम में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। मंदिर सभा की ओर से अपील की गई है कि मंदिर में केवल मर्यादित वस्त्र पहनकर ही मंदिर परिसर में प्रवेश करें। अमर्यादित कपड़े पहनकर आने भक्तगण को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा मंदिर के अंदर फोटोग्राफी करने पर भी रोक लगादी गयी है। इसे लेकर मंदिर के अंदर साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं जो लोगो को सूचित कर सके ।कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालु को मर्यादित पहनावे में आने के साथ ही मंदिर के भीतर फोटो खींचने पर अब और कड़ी सख्ती होगी। केदारनाथ समेत तमाम धर्म स्थलों में ड्रेस और रील बनाने की मामलो के बाद कैंची मंदिर में भी जरूरी और सख्त कदम उठाए जा रहे हैं ताकि धाम की मर्यादा बनी रहे। मंदिर ट्रस्ट ड्रेस कोड को लेकर जल्द मार्गदर्शक जारी करेगा जिससे यहां आने वाले भक्त उन नियमों का पालन कर सकें। कैंची धाम में देश-विदेश से बड़ी गिनती में भक्त पहुंचते हैं और यहां पर इसी बात को ध्यान में रखते हुए ड्रेस कोड लागू करने पर चिंतन किया जा रहा है। मंदिर परिसर में फोटोग्राफी पर ट्रस्ट ने पहले ही रोक लगा दी है जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। इसके लिए मंदिर परिसर के तमाम हिस्सों में साइन बोर्ड लगाए गए हैं।राज्य के कई धार्मिक स्थलों में आपत्तिजनक पहनावे और मंदिर परिसरों में रील बनाने को लेकर कई विवाद पैदा हो चुका है। प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में हाल ही में हुई एक ऐसी वाकया के बाद वहां फोटो खींचने पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है और भक्तों को मर्यादित ड्रेस कोड में आने के लिए भी कहा गया है।

मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक बिनोद जोशी ने बताया कि मंदिर भूमि में महिलाएं साड़ी और किशोरी सलवार कमीज पहन कर आएं। इसके लिए अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कहा कि मर्यादित ढंग से ही भक्त मंदिर परिसर में आए। उत्तराखंड देव भूमि है यही नहीं अन्य कई राज्यों में भी मंदिर में प्रवेश के लिए विशेष लिबास है। उनको धारण करने के बाद ही श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करते हैं।

 इसे पहले भी उत्तराखंड के कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की ओर से हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर और ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया था

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