भारत का फोकस AI और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर है': पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2024' आयोजन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के दो बड़े क्षेत्र युद्ध की स्थिति में हैं। ये दोनों क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था, खासकर ऊर्जा सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस बड़ी वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हम यहां 'भारतीय युग' पर चर्चा कर रहे हैं, ये दिखाता है कि आज भारत पर भरोसा अलग स्तर का है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। आज भारत जीडीपी के हिसाब से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम वैश्विक फिनटेक अनुकूलन दर और स्मार्टफोन डेटा खपत में पहले स्थान पर हैं। दुनिया के लगभग आधे रियल-टाइम डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहे हैं। भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप प्रणाली है। भारत दोपहिया और ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा निर्माता है।'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' के मंत्र पर चलते हुए हम लगातार निर्णय लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि देश की जनता ने 60 साल बाद लगातार तीसरी बार एक ही सरकार को चुना है। आप हमारे तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीनों में हमारी प्रतिबद्धता देख सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल हमारी अर्थव्यवस्था ने सभी पूर्वानुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है। सभी संस्थाओं ने भारत से संबंधित अपने पूर्वानुमानों को उन्नत किया है। सभी कह रहे हैं कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारत 7% से अधिक की दर से विकास करेगा, लेकिन हम भारतीयों को विश्वास है कि हम इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आज भारत का फोकस AI और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर भी है। हम इसमें काफी निवेश कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर मिशन की वजह से यहां 1.5 ट्रिलियन का निवेश हो रहा है। जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट दुनिया में मेड-इन-इंडिया चिप्स का निर्यात शुरू करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा 10 साल से भी कम समय में भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की रैंकिंग में 81वें स्थान से 39वें स्थान पर पहुंच गया है। आज भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत आर्थिक बुनियादी बातों के आधार पर बहुत बड़े परिवर्तनकारी बदलाव से गुजर रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर उच्च विकास के पथ पर अग्रसर है। भारत न केवल शीर्ष पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है, बल्कि वहां बने रहने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहा है।