पीएम मोदी पहुंच रहे नारायण आश्रम, क्या है आश्रम का गुजरात कनैक्शन

Update: 2023-09-11 05:46 GMT

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अक्टूबर के दूसरे सप्ताह पिथौरागढ़ के दौरे पर पहुंच सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी अपने भ्रमण के दौरान ॐ पर्वत और आदि कैलाश के साथ ही प्रसिद्ध नारायण आश्रम के दर्शन भी कर सकते हैं। उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा बस्तड़ी गांव की बसंती देवी से भी मोदी मुलाकात कर सकते हैं पीएम मोदी। हालांकि अभी तक कोई ऑफिशियल कार्यक्रम तो नहीं आया है, लेकिन 12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ आने की खबर हैं। पीएम मोदी का यह दौरा 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राजनैतिक लिहाज से भी एहम माना जा रहा है। 



कहां है नारायण आश्रम, कब हुई थी स्थापना 


नारायण आश्रम की स्थापना वर्ष 1936 में नारायण स्वामी ने पिथौरागढ़ से लगभग 136 किलोमीटर उत्तर और तवाघाट से 14 किलोमीटर दूर की थी। आध्यात्मिक शैक्षिक केंद्र 2734 मीटर की ऊंचाई पर प्राकृतिक परिवेश के बीच स्थापित है। इसमें स्थानीय बच्चों के लिए एक स्कूल है और स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करता जाता है। यहां एक पुस्तकालय, ध्यान कक्ष और समाधि स्थान भी है।



गुजरात से होता है नारायण आश्रम का संचालन


अतीत में दक्षिण के एक संत नारायण स्वामी द्वारा नौ हजार फीट की ऊंचाई पर नारायण आश्रम की स्थापना की गई थी। वर्तमान में इस आश्रम का संचालन गुजरात का एक ट्रस्ट करता है, जिसमें स्थानीय ट्रस्टी भी शामिल हैं।नारायण आश्रम में प्रतिवर्ष योग, साधना, ध्यान के वृहद शिविर भी लगते हैं।



बसंती देवी से भी मुलाकत कर सकते हैं पीएम मोदी।


बसंती देवी पिथौरागढ़ के बस्तड़ी की रहने वालीं है। पीएम मोदी ने कहा, बसंती देवी ने अपना पूरा जीवन संघर्षों के बीच जिया। कम उम्र में ही उनके पति का निधन हो गया था और वो आश्रम में रहने लगीं। यहां रहकर उन्‍होंने नदी को बचाने के लिए संघर्ष किया और पर्यावरण के लिए असाधारण योगदान दिया। उन्‍होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी काफी काम किया है, बसंती देवी पद्मश्री से सम्मानित महिला है। उनका पूरा जीवन संघर्षों के बीच रहा।

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