अगर ये नहीं होता तो मुश्किल था, रेवन्ना पिता-पुत्र की हैवानियत को सामने लाना! कौन है? वो जिसकी वजह से ये दुनिया के सामने आया सेक्स स्कैंडल!

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-05-01 11:44 GMT

नई दिल्ली। कर्नाटक में जो पेन ड्राइव लोगों को कई जगह मिला उसमें महिलाओं के साथ छेड़छाड़, यौन शोषण और रेप का 2976 वीडियो बताया जा रहा है। ऐसा भी वीडियो है जिसमें महिला रो रही है, हाथ जोड़ रही है, फिर भी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का पोता प्रज्वल रेवन्ना रेप कर रहा है। इतना ही नहीं कई वीडियो में पूर्व प्रधानमंत्री का बड़ा बेटा एचडी रेवन्ना भी यौन शोषण करता नजर आया है। यह वीडियो कोई एक दिन का नहीं है। 2014 में जब प्रज्वल ऑस्ट्रेलिया से भारत लौटा तो उसके बाद ही यह घिनौना खेल शुरू हो गया था। जानकार अनुमान लगा रहे हैं कि यह खेल बीते सात आठ वर्षो से बाप बेटा कर रहे थे। सीधी सी बात है कि इतनी बड़ी संख्या में वीडियो कोई 1 साल में नहीं बना होगा। कई साल से यह कुकर्म चल रहा होगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन वर्षों में यौन शोषण का शिकार हुई महिलाएं चुप क्यों रही? इनमें से किसी एक की भी मजाल बाहर आकर शिकायत करने की क्यों नहीं हुई। अब वीडियो वायरल होने के बाद कुछ पीड़िता सामने आ रही हैं लेकिन वह तब क्यों नहीं सामने आई जब वह गिड़गिड़ाती रही लेकिन प्रज्वल उसकी अस्मत को लूटता रहा।

जरा सोचिए क्या बताती है यह चुप्पी

दरअसल यह चुप्पी इतना तो जरूर बताती है कि ऐसी महिलाओं को सहारा देने के लिए ना तो समाज है और ना सरकार। बात यही नहीं खत्म हो जाती क्योंकि ऐसी चुप्पी पूरे देश में है। देश की 70 करोड़ आधी आबादी के बीच में प्रज्वल रेवन्ना जैसे असंख्य भेड़िए खुले में घूम रहा है। इन्हें रोकने के लिए आधी आबादी को ही सामने आना पड़ेगा नहीं तो भविष्य में ऐसी घटनाओं पर आपके रोंगटे नहीं सिहरे तो फिर क्या कहना।

अब जानिए इस चुप्पी को चालक ने कैसे उजागर किया

यौन शोषण की ऐसी घटनाएं देवगौड़ा परिवार की दीवारों में ही दफन होकर रह जाती लेकिन एक चालक ने इसको उजागर कर खुफिया को भी मात दे दी। दरअसल देवगौड़ा परिवार ने अपने एक पूर्व चालक की जमीन पर कब्जा कर लिया था। इस बात से नाराज चालक ने कड़ी मेहनत कर इन वीडियो को एक पेन ड्राइव में शामिल किया। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश वीडियो प्रज्वल ने खुद ही बनाए थे किसी खुफिया कैमरे से या मोबाइल से। चालक ने पेन ड्राइव को प्रज्वल के राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाजपा के एक नेता को भेज दिया। सूत्र बताते हैं कि इस नेता ने अप्रैल में ही पेन ड्राइव को मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री को भेज दिया था लेकिन कांग्रेस की सरकार इसको दबाई बैठी थी। प्रज्वल के राजनीतिक विरोधियों ने इस पेन ड्राइव के वितरण में कोई कसर नहीं छोड़ी और कई जगह यह पेन ड्राइव उपलब्ध हो गया।

जर्मनी से प्रज्वल को भारत लाने की चुनौती

प्रज्वल को उनकी पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) से निष्कासित कर दिया गया है और पुलिस ने प्राथमिक तौर पर जांच का प्लान किया है। उधर प्रज्वल विदेश में छिपा है कहते हैं कि जर्मनी में है। अब देखने की बात होगी कि समाज और सरकार में क्या इतनी प्रतिबद्धता है कि वह प्रज्वल को विदेश से लाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलवा सके, नहीं तो आधी आबादी घूंघट में ही कैद रह कर जुल्म सहने को विवश होती रहेगी।

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