भारतीय सेना के पूर्व जनरल का दावा मणिपुर में विदेशी ताकतों की संलिप्तता

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य विषय पर बात करते समय उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे विश्वास है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और आवश्यक कार्यवाही करने के लिए जवाबदेही है। वे बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं ।

Update: 2023-07-29 08:05 GMT

हिंसा में जल रहे मणिपुर (Manipur) को लेकर भारतीय सेना के पूर्व जनरल एमएम नरवणे (MM Narvane) ने शुक्रवार एक बयान दिया । उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने बयान में कहा कि चीन और पाकिस्तान ऐसे मुद्दों की तलाश में रहता है और सीमावर्ती भागों में इस तरह की परिस्थितियां निर्माण होना भारत के लिए अच्छी बात नहीं है।

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य विषय पर बात करते समय उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे विश्वास है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और आवश्यक कार्यवाही करने के लिए जवाबदेही है। वे बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता यह बात सिर्फ मैं नहीं कह रहा हूं इसके और भी सबूत है ।उन्होंने कहा कि एक और बात जो खासतौर पर देखी जा रही है कि कई उग्रवादी संगठनों को चीन की तरफ से मदद मिल रही है।

इन संगठनों को मदद कई सालों से मिल रही है और लगातार जारी है ।साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की हिंसक गतिविधियों में ड्रग्स और उसके जैसे कई चीजों की तस्करी की खास भूमिका है। और यह काम काफी लंबे समय से जारी है।इस बारे में सुरक्षा एजेंसियों ने भी पहले से शंका जताई थी कि मणिपुर में जो भी हो रहा है। उसका फायदा पाकिस्तान और चीन उठाने की कोशिश कर रहा है और वहां के संगठनों को भड़का कर माहौल और हिंसक कराने की कोशिश चल रही है ।साथ ही साथ सीमावर्ती भागों पर भारतीय सेना नजर बनाए हुए हैं।

पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठन मणिपुर के संगठनों को आर्थिक और और स्तरों पर मदद कर रहे हैं ऐसा भी कहां जा रहा है ।3 महीने से जल रहा मणिपुर कई मामलों में चर्चा में आया हुआ है जिनमें महिलाओं पर अत्याचार, विदेशी ताकतों का इस्तेमाल और देश के नेताओं की राजनीति इन सब का परिणाम सिर्फ और सिर्फ मणिपुर की सीधी-सादी जनता को भुगतना पड़ रहा है। विदेशी ताकतों का इस तरह देश के अंदरूनी मामलों में घुसपैठ करने की कोशिश की जानकारी देश की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को भी है और उसे रोकने की कोशिश में सभी लगे हुए हैं। ऐसे में अगर राजनीति बढ़ती जाएगी तो कठिनाइयां और भी बढ़ेगी आने वाले समय में देखना होगा कि सरकार इस मामले को किस तरह से सुलझाती है।

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