भाजपा और कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्षों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानें आयोग ने प्रचार में क्या क्या परहेज बरतने को दिए निर्देश

Update: 2024-05-22 12:25 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कई बार नेताओं की ओर से भाषणों में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल होने लगता है। जिसे लेकर चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि दोनो पार्टियों के स्टार प्रचारकों की ओर से सही शब्दों का इस्तेमाल करने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी करने का निर्देश दिया गया है। चुनाव आयोग का मानना है कि भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को चुनाव के कारण प्रभावित नहीं किया जा सकता है। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि दो बड़ी पार्टियों को भारतीय मतदाताओं के विरासत को कमजोर करने की इजाजत नहीं है।

समाज को बांटने वाला प्रचार बंद करे बीजेपी

चुनाव आयोग ने जाति, धर्म और भाषा के आधार पर प्रचार करने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को आड़े हाथों लिया है। चुनाव आयोग ने बीजेपी के स्टार प्रचारकों को धार्मिक और सांप्रदायिक भाषणों से परहेज करने के साथ-साथ समाज को बांटने वाले प्रचार बंद करने का निर्देश दिया है।

कांग्रेस रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करें

चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उनके स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें, जो गलत धारणा पैदा करते हों, जैसे कि भारत का संविधान को खत्म किया जा सकता है या बेचा जा सकता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। इस पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस के प्रचारकों और उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि वे रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करें और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान न दें।

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