चौंकिए मत! अरबपति रतन टाटा के पास अपना ड्राइवर नहीं था, खुद गाड़ी चलाते थे, जानिए नितीन गडकरी की जुबां से रतन का राज...
नई दिल्ली। भारत के रतन कहे जाने वाले दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया। 86 साल की उम्र में रतन टाटा ने मुंबई के कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन से पूरे देशभर में शोक की लहर है। अब रतन टाटा सिर्फ यादों में रह गए हैं। देश के दिग्गज लोग उन्हें याद कर रहे हैं। इन्हीं यादों की कड़ी में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
नितीन गडकरी ने उनकी सादगी से जुड़ा एक किस्सा एक आयोजन में सुनाया था जिसमें उन्होंने बताया कि रतन टाटा जी मेरे अच्छे मित्र रहे हैं। एक बार वह मुंबई के मालाबार हिल स्थित मेरे घर आ रहे थे तो रास्ता भूल गए। उन्होंने मुझे फोन किया कि नितिन तुम्हारे घर का रास्ता भूल गया हूं। मैंने कहा कि आप अपना फोन ड्राइवर को दीजिए। इस पर रतन टाटा ने कहा कि मेरे पास ड्राइवर नहीं है, मैं खुद ही गाड़ी चला रहा हूं।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने बड़े हैरान होकर पूछा कि आपके पास वाकई ड्राइवर नहीं है, तो उन्होंने कहा नहीं नितिन मैं खुद ही चला रहा हूं। फिर मैंने उन्हें रास्ता बताया। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि हिंदुस्तान का इतना बड़ा करोड़पति होने के बावजूद उनके पास ड्राइवर क्यों नहीं हैं। यहां तक कि कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं था। मेरे पता बताने के बाद वे घर पर आए। उन्होंने एक और किस्सा शेयर करते हुए बताया कि एक बार मैं उन्हें फ्लाईओवर के उद्घाटन के लिए मुंबई लेकर गया था। हेलीकॉप्टर वहीं चला रहे थे। मैं उन्हें देख रहा था कि कहीं भी चलने, बोलने या उनके व्यवहार में यह महसूस ही नहीं हो रहा था कि वो टाटा ग्रुप के मालिक हैं।
रतन टाटा अरबपतियों में शामिल होने के बावजूद अपनी सादगी से हर किसी का दिल जीत लेते थे। वह उन शख्सियतों में शुमार थे, जिनका हर कोई सम्मान करता था। कई मौकों पर उन्होंने गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद कर भारतीयों को गर्व महसूस कराया है। रतन टाटा 20 साल से अधिक समय तक चेयरमैन के तौर पर टाटा समूह का नेतृत्व किया। रिटायरमेंट के बाद भी समूह के संचालन में उनका अहम योगदान बना रहा।