काँग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के उम्मीदवारों के चयन के लिए कमेटी गठित की, पहली बार उत्तर प्रदेश के किसी नेता को जगह नहीं। दिग्विजय सिंह के बेटे का राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश I

Update: 2024-01-06 05:05 GMT

दिल्ली: काँग्रेस के लिए जन्म मरण का प्रश्न बने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारी युद्धस्तर पर शुरू कर दी है, इसकी पहली और महत्वपूर्ण कड़ी में उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी गठित की है। काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश को 5 क्लस्टर मे बांट कर नेताओ को उसका अध्यक्ष और सदस्य बनाया है।

 पहला समूह : तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप और पुड्डुचेरी है.

हरीश चौधरी को इस स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है,वहीं जिग्नेश मेवाणी और विश्वजीत कदम को इसमें सदस्य नियुक्त किया गया है.

दूसरा समूह :आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए मधुसूदन मिस्त्री को समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है. सूरज हेगड़े और शफ़ी परम्बिल इसके सदस्य हैं.

तीसरा समूह :गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, दमन और दीव और दादरा एवं नगर हवेली के लिए रजनी पाटिल को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, वहीं कृष्णा अल्लावुरु और परगट सिंह इसके सदस्य हैं.

चौथा समूह :उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू- कश्मीर और लद्दाख वाले समूह के लिए भक्त चरण दास को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसमें नीरज डांगी और यशोमति ठाकुर को सदस्य नियुक्त किया गया है.

पाँचवा समूह :पंजाब से पार्टी नेता राणा केपी सिंह को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम वाले समूह के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. जयवर्धन सिंह और इवान डिसूजा को इसमें सदस्य नियुक्त किया गया.

पहली बार ऐसा है कि देश के सबसे बड़े राज्य और गाँधी परिवार का गढ़ रहे उत्तर प्रदेश से कमेटी मे कोई सदस्य नहीं है , इसके साथ ही काँग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को भी इसका सदस्य बनाया गया है, एक तरह से उनका राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश हो गया है।

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