CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार, हॉस्पिटल और पुलिस प्रशासन को लगाई फटकार! SC बनाएगा नेशनल टास्क फोर्स, जानें किन-किन बातों पर आपत्ति जताई कोर्ट ने
कोलकाता। कोलकाता रेप-मर्डर केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सीजीआई की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पहले चिंता जताई कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर की गई है और उसके शव को भी दिखाया गया है जो कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। वहीं कोर्ट ने पूछा कि प्रिंसिपल ने रेप-मर्डर केस को शुरुआत में आत्महत्या क्यों बताया। हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं जो कोर्ट की निगरानी में बनेगा।
कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई कोर्ट को बताए कि उसने अब तक क्या कदम उठाए और जांच कहां तक पहुंची है। जांच एजेंसी को गुरुवार तक यह जानकारी देनी होगी। वहीं कोर्ट ने डॉक्टर्स से हड़ताल को वापस लेने का भी आह्वान किया है।
CJI ने कहा कि हमने स्वत: संज्ञान इसलिए लिया है क्योंकि रेप-हत्या के अलावा यह देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी है। हम सुरक्षा को लेकर सुनवाई करेंगे। हमें डॉक्टर्स, खासकर महिला डॉक्टर और युवा डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर चिंता है।
CJI ने कोलकाता पुलिस से भी कड़े सवाल पूछे। CJI ने पूछा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया। हजारों लोगों को अंदर आने कैसे दिया जा रहा था। प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में क्यों जॉइन कराया गया। अभी तक पुलिस प्रिंसिपल पर क्या कर रही है, अब तक उनपर FIR दर्ज क्यों नहीं की गई।
CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार, हॉस्पिटल, पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई। SC ने पूछा सबसे पहले एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने बताया कि घटना की रात 11.45 PM पर पहली एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन उसपर CJI ने कहा कि अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट के बाद क्यों एफआईआर दर्ज की गई। CJI ने कहा कि जब हत्या हुई थी तो पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे तो यह हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराए।