भाजपा के मनोज सोनकर चंडीगढ़ के नए मेयर बन गए, इंडिया गठबंधन अपने पहले ही टेस्ट में औंधे मुंह गिरा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर हुए चुनाव में भाजपा को 16 वोट मिले। आप और कांग्रेस गठबंधन को 12 वोट मिले जबकि आठ वोट अमान्य घोषित कर दिए गए। पूरे चुनाव की वीडियोग्राफी भी करवाई गई।
भाजपा का रहा है दबदबा
चंडीगढ़ नगर निगम में पिछले कई वर्षों से लगातार भाजपा का मेयर बनते आ रहा है। वर्ष 2021 में हुए नगर निगम चुनाव में आप को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं बावजूद इसके भाजपा दो साल से अपना मेयर बनाने में कामयाब रही। इस बार भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन कर लिया।
पार्टी नेताओं ने कहा था कि यह स्थानीय स्तर पर हुआ समझौता है लेकिन आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा था कि इंडिया गठबंधन की जीत का रथ चंडीगढ़ से चलेगा। चड्ढा ने इस चुनाव को राजनीति की तकदीर और तस्वीर बदलने वाला बताया था।
पहले 31 दिसंबर से पहले होता था नए मेयर का चुनाव
शहर को पहला मेयर 23 दिसंबर 1996 को मिला था। भाजपा की कमला शर्मा शहर की पहली मेयर बनीं थीं। शुरुआत में 23 दिसंबर को ही मेयर चुनाव हो जाते थे। इसके बाद भी 2013 तक 31 दिसंबर से पहले मेयर चुनाव संपन्न करा दिए जाते थे और अगला मेयर एक जनवरी को पद की शपथ लेता था लेकिन 2015 के बाद यह सब कुछ बदल गया।
बताया जाता है कि जिस भी पार्टी का मेयर हारता था, साल का पहला दिन होने की वजह से पार्टी में काफी निराशा होती थी इसलिए मेयर चुनाव को जनवरी के पहले सप्ताह में कर दिया गया। पूनम शर्मा ने पहली बार 6 जनवरी 2015 को मेयर पद की शपथ ली। इसके बाद से मेयर का चुनाव धीरे-धीरे आगे खिसकता रहा। आशा जायसवाल ने 12 जनवरी तो राजेश कालिया ने 19 जनवरी को मेयर पद की शपथ ली थी।