यूनेस्को ने भगवद गीता और नाट्यशास्त्र को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया, पीएम मोदी ने कहा- गर्व का पल

मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में 74 नए दस्तावेजी विरासत संग्रह जोड़े गए;

Update: 2025-04-18 07:46 GMT

नई दिल्ली। भगवद गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को ने अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया है। इसके तहत वैश्विक स्तर पर अहमियत रखने वाली दस्तावेजी विरासत को संरक्षित किया जाता है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की है और कहा है कि यह हर भारतीय के लिए खुशी का क्षण है।

मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड में शामिल गीता और नाट्यशास्त्र

17 अप्रैल को यूनेस्को ने अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में 74 नए दस्तावेजी विरासत संग्रह जोड़े हैं। इसमें भगवद गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र भी शामिल हैं। इसके साथ ही मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में अब भारत की कुल 14 प्रविष्टियां हो गई हैं। बता दें इस रजिस्टर में 72 देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों की वैज्ञानिक क्रांति, इतिहास में महिलाओं का योगदान और बहुपक्षवाद की प्रमुख उपलब्धियों की प्रविष्टियों को शामिल किया गया।

मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर विश्व के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज धरोहरों की सूची है। इन्हें अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति की सिफारिश और कार्यकारी बोर्ड की स्वीकृति से चुना जाता है। साथ ही इससे शोध, शिक्षा, मनोरंजन और संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। अभी तक इस रजिस्टर में कुल 570 संग्रहों को जोड़ा गया है।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पीएम मोदी ने केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के एक्स पोस्ट को री-शेयर करते हुए लिखा कि, “दुनिया भर में हर भारतीय के लिए यह गर्व का क्षण है। यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में गीता और नाट्यशास्त्र को शामिल किया जाना हमारी शाश्वत बुद्धिमत्ता और समृद्ध संस्कृति की वैश्विक मान्यता है। गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करती रहती है।”

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