गाजियाबाद का किला बचाने को भाजपा ने बनाई रणनीति, उतारे अपने क्षत्रप, कांग्रेस और बसपा कैसे कर पाएगी मुकाबला ?

By :  Neeraj Jha
Update: 2024-04-21 10:47 GMT


गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी गाजियाबाद लोकसभा सीट पर विरोधियों को कड़ी टक्कर दे रही है। भाजपा के अभेद्य किले के रूप में पहचाने जाने वाले गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा के मुकाबले अन्य दल कहीं नहीं ठहरते परंतु इस बार असली मुकाबला यहां देहाती कहे जाने वाले इलाकों में ही देखने को मिलेगा। भाजपा पुख्ता रणनीति बनाकर इस बार गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कद्दावर नेताओं को मैदान में उतार रही है। 

वर्ष 2009 से पहले गाजियाबाद लोकसभा सीट को हापुड़-गाजियाबाद सीट के नाम से पहचाना जाता था। चाहे 2009 से पहले के चुनाव हों या फिर इसके बाद के यहां सबसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को ही सफलता हाथ लगी है। इसी के चलते गाजियाबाद को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहा जाता है। गढ़ कहे जाने वाले गाजियाबाद में इस बार सीट बचाने के लिए अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत उपमुख्यमंत्री अपने दौरे कर चुके हैं। इससे पार पाने के लिए  कांग्रेस-सपा गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी डॉली शर्मा की तरफ से राहुल गांधी और अखिलेश यादव संयुक्त प्रेस वार्ता कर संतुलन साधने की  कोशिश की गई है। लगभग साढ़े 29 लाख की मतदाता संख्या वाले गाजियाबाद में अपनी बात पहुंचाने के लिए भाजपा के अग्रिम पंक्ति के नेता पूरा जोर लगाए हुए हैं।

वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस  लोकसभा सीट पर वीके सिंह रिकार्ड मतों से जीते थे। उस बार भाजपा के मौजूदा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल डॉ. वीके सिंह ने पांच  लाख मतों से जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। परंतु जनरल वी के सिंह का टिकट कटने के बाद इस सीट पर भाजपा ने अतिरिक्त जोर दिया है। क्षत्रिय वोटों को साधने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह के सुपुत्र नीरज सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त भाजपा का पार्टी केडर भी खासा मजबूत है। इसे देखते हुए विपक्षी दलों के नेता कहीं नजर नहीं आते हैं। देखने वाली बात यह है कि कि भाजपा के प्रत्याशी अतुल गर्ग को टक्कर देने के लिए अब तक गठबंधन से डॉली शर्मा और बसपा से नंद किशोर पुंडीर ने कुछ दमखम दिखाया है। बाकी प्रत्याशी कही टिकते नजर नहीं आ रहे हैं। 

बात करें तो गठबंधन प्रत्याशी डॉली शर्मा की तरफ से अभी तक कोई बड़ा इवेंट दिखाई नहीं पड़ा है। जबकि राहुल गांधी और अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता केवल मीडिया के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने भर की थी। इसके अतिरिक्त कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी कार्यालय का उद्घाटन करने आये थे। इसके अतिरिक्त किसी बड़े नेता ने बड़ी जनसभा को संबोधित नहीं किया है। बात करें बसपा की तो बसपा के प्रत्याशी नंदकिशोर पुंडीर बाहरी हैं। लोगों में उनका विरोध देखने को मिल रहा है। बसपा कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद गाजियाबाद का  दौरा कर चुके है। इस दौरान उन्होंने बसपा प्रत्याशी के लिए जनसभा को संबोधित किया था। साथ ही बसपा सुप्रीमो का भी दौरा गाजियाबाद में है। कुल मिलाकर अब तक भाजपा प्रत्याशी अपनी पार्टी के बड़े छत्रप को लोगों के बीच लाने में सफल साबित हुआ है।

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