ठंड के अनुसार तैयार कर रहे रामलला के वस्त्र, चार पीढ़ियों की परंपरा को आगे बढ़ा रहे भगवत प्रसाद

Update: 2024-01-04 05:17 GMT

भगवत प्रसाद कहते हैं, 31 दिसंबर से ही हम भगवान के विग्रहों के लिए कपड़े तैयार करने में लगे हुए हैं। बेटे और बहुएं भी पूरी जिम्मेदारी से जुटी हैं। हमारी पीढ़ियों का सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम और उनके भाइयों के कपड़े तैयार करने का अवसर मिला है। हमारी चौथी पीढ़ी इस काम में लगी हुई है। 

वशिष्ठ कुंड के पास रामलला के दर्जी भगवत प्रसाद पहाड़ी की मशीनों की खटर-पटर जारी है। ठंड के बाद भी नजर भगवान के कपड़ों की फिटिंग पर है। कहीं से कोई धागा निकला न रह जाए। थोड़ी सी कमी होते ही कपड़े को हटाकर दूसरा कपड़ा लग रहा है। सिलाई मशीन के साथ ही उतनी ही तेजी से अंगुलियां भी कपड़ों पर फिर रही हैं। 

भगवत प्रसाद कहते हैं, 31 दिसंबर से ही हम भगवान के विग्रहों के लिए कपड़े तैयार करने में लगे हुए हैं। बेटे और बहुएं भी पूरी जिम्मेदारी से जुटी हैं। हमारी पीढ़ियों का सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम और उनके भाइयों के कपड़े तैयार करने का अवसर मिला है। हमारी चौथी पीढ़ी इस काम में लगी हुई है। उनके बाबा रामशरण ने भगवान के वस्त्र सिलने की शुरुआत की। पिता बाबूलाल ने आगे बढ़ाया। अब वह भाई और तीनों बेटे इस काज में जुटे हैं।

भगवत कहते हैं, प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। उस दिन सोमवार पड़ रहा है और दिन के अनुसार तो हमने सफेद वस्त्र तैयार किए हैं, लेकिन हो सकता है कि भगवान को पीतांबर वस्त्र धारण कराए जाएं। इसलिए पीले वस्त्र भी तैयार कर रहे हैं।

ठंड के अनुसार बनाए जा रहे कपड़े

भगवत ने बताया, रामलला के लिए दिन के अनुसार अलग-अलग रंग के वस्त्र तैयार कर रहे हैं। ठंड को देखते हुए सात रंगों के अलग-अलग मखमल के कपड़े तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि के भूमि पूजन के दौरान भगवत ने भगवान के लिए हरे रंग के वस्त्र तैयार किए थे।

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